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बीकानेर,प्रख्यात चित्रकार सुषमा जैन के प्रकृति चित्रों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी “क्रिएशन” में शनिवार को राजमाता सुदर्शना कुमारी कलादीर्घा नागरी भंडार में आयोजित चर्चा में संपादक व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने कहा कि कला के समाज से गहरे सरोकार होते है । कलाकार के मन में समाज के प्रति संवेदना होने के कारण जन कल्याण के प्रति जागरूक होता है । उन्होंने कहा कि सुषमा जैन द्वारा प्रदर्शनी में चित्रों से प्राप्त आय को जन कल्याण में समर्पित करना उनका समाज प्रति सरोकारों को अभिव्यक्त करता है ।

चर्चा में कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सुषमा जैन के सामाजिक सरोकार के इस अनूठे अभियान से जुड़ने का आह्वान किया । लेखक अशफाक कादरी ने कहा कि सुषमा जैन के मन में कर्मभूमि बीकानेर के प्रति गहरा अनुराग है । कादरी ने कहा कि बीकानेर की शिक्षा जगत और कला जगत में जैन दंपत्ति के योगदान को भुलाया नही जा सकता । उन्होंने कहा कि सुषमा जैन सिंगापुर में कला प्रेमियों को कला की बारीकियां सिखाती है । कोरोना काल में श्रीमती जैन ने ऑनलाइन बालिकाओं को कला का प्रशिक्षण प्रदान किया । शिक्षाविद शिवकुमार वर्मा के अनुसार  सुषमा जैन प्रकृति की पुत्री है। उनके चित्रों के माध्यम से प्रकृति मुखर हो रही है । उन्होंने कहा कि इनके रंगों द्वारा प्रकृति के विविध भाव प्रकट हो रहे है । कार्यक्रम में प्रेम प्रकाश सोनी, प्रेम रत्न मंडोरा, शिप्रा अरोडा, सुमन शर्मा, मुस्कान थानवी, रजत पंवार, पार्थ घोष, यथार्थ गेरा, सुरेंद्र सिंह, विश्वजीत सिंह ने भी सहभागिता निभाई ।

प्रदर्शनी संयोजक सेठ तोलाराम बाफना स्कूल के पूर्व प्राचार्य वाई.के. जैन  ने बताया की प्रदर्शनी का समापन रविवार की शाम 7 बजे होगा । प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे खुली रहेगी  । प्रदर्शनी में सुषमा जैन के  43 प्रकृति चित्र प्रदर्शित किए गए है । सुषमा जैन के चित्र प्रकृति की  छटाओं सेे ओत प्रोत है । सुषमा जैन ने बताया कि चित्रों से प्राप्त सम्पूर्ण राशि जन कल्याण कार्यों में समर्पित करने के लिए संकल्पबद्ध है । सुषमा जैन अपने प्रकृति चित्रों के साथ अभी बीकानेर में है ।  सेठ तोलाराम बाफना स्कूूल, गंगाशहर में उप प्राचार्य रही सुषमा जैन के चित्रों की प्रदर्शनी पूर्व में बीकानेर मेंं कला दीर्घा में आयोजित हो चुकी है ।

 

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