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बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में फल व सब्जियों के रखरखाव पर चर्चा हुई । इस अवसर पर डॉ अरुण कुमार ने पोस्ट हार्वेस्ट तकनीकों की उपयोगिता तथा इसके महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की तथा कहा की उन्नत तकनीकों के माध्यम से तुड़ाई उपरांत नुकसान को कम किया जा सकता है । इस चर्चा में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से आए प्रोफेसर डॉ. राम आश्रय ने फल सब्जियों के कटाई उपरांत होने वाले नुकसान के कारण एवं निवारण पर एक व्याख्यान दिया। प्रो डॉ. राम आश्रय ने बताया कि देश में इस समय करीब 20% फल व सब्जियों का तुड़ाई उपरांत नुकसान हो रहा है, इस नुकसान को आधुनिक तकनीकों को अपनाकर एवं उत्पादकों तथा उपभोक्ताओं में तकनीकी ज्ञान के समावेश द्वारा काफी हद तक कम किया जा सकता है । इस परिचर्चा एवं व्याख्यान में डॉ पीके यादव, डॉ आर एस राठौड़ व उद्यान विज्ञान के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया

*शीतल रावत ने प्राप्त की विद्यावाचस्पति की उपाधि*

शीतल रावत ने डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़ के मुख्य सलाहकार में “शुष्क क्षेत्र में पोषक तत्वों के मृदा तथा पर्णीय अनुप्रयोग का अनार की भगवा किस्म के मात्रात्मक तथा गुणात्मक अभिलक्षणों पर प्रभाव” विषय पर विद्यावाचस्पति की उपाधि प्राप्त की । इस अवसर पर शीतल रावत ने डॉ. राम आश्रय व अन्य वेज्ञानिकों के समक्ष अपने शोध के परिणामों का वाचन किया ।

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