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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू की है। सरकार इसको सबसे बड़ी उपलब्धि मान रही है। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।

हाल ही में ओपीएस को लेकर केन्द्र सरकार की असहमति और आपत्तियां सामने आई हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने यह आपत्तियां जताई हैं। इन्हें आयोग की ओर से सभी राज्यों को भेजा जा रहा है। नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।

ऐसे में कई सवाल उठने लगे हैं…

क्या राजस्थान में ओपीएस को बंद किया जा सकता है?

केंद्र ने पैसा नहीं दिया तो राज्य कहां से लाएंगे?

जनता पर कर का बोझ डाला जा सकता है?
सीएम अशोक गहलोत ने मार्च-2022 में विधानसभा में बजट पेश करते वक्त प्रदेश के करीब 7 लाख कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की थी। हाल ही सप्ताह भर पहले ही उन्होंने बयान दिया कि एक न एक दिन पूरे देश में सभी राज्यों को यह स्कीम लागू करनी पड़ेगी।

अब राहुल गांधी ने गुजरात में लागू करने का वादा किया
मुख्यमंत्री गहलोत की इस फ्लैगशिप योजना को गुजरात में भी लागू करने का वादा राहुल गांधी कर चुके हैं। राहुल ने अपनी भारत जोड़ा यात्रा के दौरान कई बार सीएम गहलोत की इस योजना का जिक्र किया है।

नीति आयोग की ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर आपत्तियां ठीक उस वक्त सामने आई है, जब सप्ताह भर में राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। राजस्थान में इस योजना से 41,000 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा। गहलोत सरकार के बाद छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड की सरकारों ने भी इसे लागू कर दिया है।

जब मार्च 2022 में बजट में सीएम गहलोत ने इस योजना को लागू किया था, तब भी केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने इसे वित्तीय अनुशासनहीनता करार दिया था। अब नीति आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों को इस स्कीम को लागू नहीं करना चाहिए।

देखना यह है कि गहलोत और राहुल गांधी अब केन्द्र सरकार का क्या और कैसे जवाब देते हैं? भारत जोड़ो यात्रा के दौरान प्रदेश के कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी भी राहुल से मुलाकात करेंगे।

हर राज्य में कर्मचारी वर्ग बड़ा वोट बैंक
हर राज्य में कर्मचारी वर्ग बहुत बड़ा वोट बैंक है। राजस्थान में करीब 7 करोड़ की आबादी में सात लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से केवल डेढ़ लाख कर्मचारियों को ही ओपीएस का लाभ मिल रहा है। एक अप्रैल 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले 5 लाख 50 हजार कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं।

इन्हें पेंशन का पुराना कवर देने के लिए ही सीएम गहलोत ने ओपीएस काे लागू किया है। इससे सीएम गहलोत ने एक बड़े वोट बैंक (कर्मचारी और उनके परिजन) करीब 20-25 लाख लोगों को साधा है।

अब जानते हैं कहां से हुई थी शुरुआत
देश के सबसे बड़े राज्य UP में मार्च-2022 में हुए चुनावों में कांग्रेस की बागडोर प्रियंका गांधी ने संभाल रखी थी। प्रियंका ने तब प्रदेश के 22-23 लाख कर्मचारियों को सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन स्कीम देने का वादा किया था। इस वादे को समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव ने भी कर्मचारियों के सामने रखा।

भाजपा ने ओल्ड पेंशन स्कीम का कोई वादा नहीं किया फिर भी यूपी में सरकार भाजपा की बनी। कांग्रेस को 403 में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। यहीं से प्रियंका का यह वादा राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अपनाया।
भाजपा की जहां सरकार, वहां लागू नहीं
भाजपा ने न तो केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और न किसी भी उस राज्य में जहां उसकी सरकारें हैं वहां पर ओपीएस लागू नहीं की है। भाजपा ने अब तक किसी भी राज्य में चुनावी सभा में ओपीएस लागू करने का वादा भी नहीं किया है। मार्च-2022 में यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में भी पार्टी ने ओपीएस का वादा नहीं किया। भाजपा ने इन दिनों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी यह वादा नहीं किया है।
जानते हैं क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम
ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे देश में 31 मार्च 2004 तक लागू थी। एक अप्रैल 2004 से पूरे देश में केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की गई। इसके लिए तत्कालीन एनडीए (भाजपा नीत) सरकार ने संसद में एक बिल पेश कर देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया।

इस बिल को मई-2004 में केन्द्र में सत्ता में आई यूपीए सरकार (कांग्रेस नीत) ने भी लगातार 10 वर्ष जारी रखा। बाद में 2014 से अब तक केन्द्र में स्थापित भाजपा सरकार ने भी इसे जारी रखा हुआ है।

ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को रिटायर के बाद भी प्रत्येक महीने पेंशन राशि मिलती है, जबकि नई पेंशन स्कीम में रिटायर होने के बाद प्रत्येक महीने मिलने वाली पेंशन बंद हो जाती है। इसके अलावा ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन देने का खर्च सरकार की ओर से उठाया जाता है, वहीं नई पेंशन स्कीम में जिन कर्मचारियों को पेंशन चाहिए उन्हें इसका वित्तीय भार भी खुद ही उठाना पड़ता है।

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