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बीकानेर,जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक दिनेश चंद्र सक्सेना और पूर्व सहायक निदेशक किशन कुमार व्यास ‘आजाद’ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा और गोष्ठी गुरुवार को सूचना केन्द्र सभागार में आयोजित हुई। इस दौरान वक्ताओं ने सक्सेना और व्यास के जनसंपर्क क्षेत्र में योगदान पर अपनी बात रखी।
प्रसार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि दोनों अधिकारी, जनसंपर्क की पाठशाला थे। उन्होंने जनसंपर्क विभाग में रहते हुए नए आयाम स्थापित किए। युवा जनसंपर्क कर्मियों को इनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किशन कुमार व्यास ने सरकार और जनता के बीच की कड़ी के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई। आज के दौर में यह मूल्य अधिक प्रासंगिक हैं।
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि दिनेश चंद्र सक्सेना की मिलनसारिता और हंसमुख व्यक्तित्व उन्हें अलग पहचान दिलाता। उन्होंने सही मायनो में जनसंपर्क को जिया। सक्सेना ने जनसंपर्क निदेशालय में अपनी विषेष पहचान बनाई। वे सहयोगी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे।
प्रसार के प्रदेश अध्यक्ष और उपनिदेशक (जनसम्पर्क) डाॅ. हरि शंकर आचार्य ने बताया कि प्रसार की ओर से जनसंपर्क विभाग के दिवंगत अधिकारियों की स्मृति में संवाद की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। उन्होंने प्रसार की अन्य गतिविधियों के बारे में बताया। साथ ही दिनेश चंद्र सक्सेना और किशन कुमार व्यास के व्यक्तित्व पर बात रखी।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त पुस्तकालयाध्यक्ष राजेन्द्र भार्गव, रतन सिंह रघुवंषी, हर्षिका सक्सेना, चंचरी सक्सेना, उमा पुरोहित, बीकानेर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष भवानी शंकर जोशी, अजीज भुट्टा, जितेन्द्र व्यास, प्रमोद आचार्य, रमेश बिस्सा, हेमंत उज्ज्वल, जिला परिषद के आईईसी काॅर्डिनेटर गोपाल जोशी, सुरेन्द्र राठी, वाईबी माथुर, विपिन सैनी, नौशाद अली, जनसंपर्क कार्यालय के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी विक्रम सिंह, सहायक प्रशासनिक अधिकारी बृजेन्द्र सिंह, वरिष्ठ सहायक परमनाथ सिद्ध, केसरी नंदन बोहरा, कमल किशोर पारीक, केशव आचार्य सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पहले सभी ने सक्सेना और व्यास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। सहायक जनसंपर्क अधिकारी निकिता भाटी ने स्वागत उद्बोधन दिया। जनसंपर्क अधिकारी सुरेश बिश्नोई ने आभार जताया।

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