बीकानेर,कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए फरवरी माह से एप्रीस्टैक योजना शुरू की जा रही है।
योजना के अन्तर्गत किसानों की जानकारी का व्यापक डेटाबेस तैयार करते हुए प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सुगमता एवं पारदर्शिता आएगी। राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर दिसम्बर में सीकर जिले से इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। आगामी फरवरी माह से इसे प्रदेश भर में शुरू किया जा रहा है। इसके तहत चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। सभी किसानों को एग्रीस्टैक कृषि से जोड़ा जाएगा, जिससे कोई भी अन्नदाता सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभसे वंचित नहीं रहें।
जिला कलक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने बताया कि एग्रीस्टैक योजना का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट सलाह और बाजारों तक अधिक सूचित और सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। एग्रीस्टैक योजना के तहत सरकारों के लिए विभिन्न किसान और कृषि-केंद्रित लाभ योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करना आसान होगा।
उल्लेखनीय है कि एग्रीस्टैक कृषि से संबंधित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की परियोजना है। इसके अंतर्गत डिजिटल रूप में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं भू-संदर्भित नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर डेटा तैयार करने से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक किसानों की पहुंच आसान हो सकेगी।
किसानों को यह मिलेगा फायदा
एप्रीस्टैक योजना के अंतर्गत किसान का नाम, पिता का नाम, उसके स्वामित्व वाले खेत का खसरा नम्बर, उसके हिस्से वाले खेत का खसरा नम्बर, मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर को एकत्र कर एक कम्पलीट डाटाबेस तैयार किया जाएगा। किसानों को डाटाबेस तैयार होने के बाद पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त आसानी से मिलना, फसल बीमा का लाभ, खराबे की स्थिति में किसानों का चिन्हीकरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानों का स्वतः रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके साथ ही किसानों के कल्याण की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें बार-बार सत्यापन या रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ेगा।
फरवरी से लगेंगे शिविर
फार्मर रजिस्ट्री के लिए प्रदेश की सभी पंचायतों में फरवरी माह में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में दस्तावेज के आधार पर किसानों को वहीं पर 11 अंक की यूनिक आईडी दी जाएगी। इसके साथ ही पंचायतराज विभाग की विभिन्न योजनाओं का रजिस्ट्रेशन व लाभ भी इन शिविरो में मिलेगा। जिले में भी प्रत्येक पंचायत पर शिविर लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।