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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच जिस बात की चिंता सबको सता रही थी अब वह बात सच होती नजर आ रही है. पेट्रोल और डीजल के दामों में आग लगने की बात सामने आ रही थी और वो सच हो गया है. थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। थोक ग्राहकों को बिक्री वाला डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा (Diesel Price Hike) हो गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह इजाफा हुआ है. पर एक राहत की बात यह है कि पेट्रोल पंपों (Diesel Petrol Price Hike) के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

बता दें कि जिस डीजल के दामों में इजाफा हुआ है वो सीधे कंपनियों से बड़े-बड़े बस-ट्रक ऑपरेटर और मॉल आदि को बेचा जाता है. यानी यह दाम आम जनता के लिए नहीं बढ़े हैं, जो पेट्रोल पंप से डीजल खरीदते हैं.जानकारों का मानना है कि रिकॉर्ड 136 दिन से ईंधन की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प माना जा रहा है.
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिक्री घटकर ‘शून्य’ पर आने के बाद अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे. सूत्रों ने कहा कि कुछ यही स्थिति आज भी बन रही है. थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से खरीदारी कर रहे हैं. इससे इन रिटेलरों का घाटा बढ़ रहा है. ऐसे में यह स्थिति काबू में नहीं की गई तो जल्द हजारों पेट्रोल पम्प बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे.

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