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बीकानेर,अजित फाउण्डेशन में मासिक संवाद के अन्तर्गत ‘‘कैंसर निदान एवं उपचार में विकिरणों का योगदान’’ विषय पर आयोजित संवाद की अध्यक्ष्यता करते हुए डॉ. विजयशंकर आचार्य, पूर्व संयुक्त निदेषक, शिक्षा विभाग ने कहा कि परिवार में एक कैंसर रोगी हो जाने से पूरा परिवार अस्त-व्यस्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कैंसर तेजी से फैल रहा है इसका एक कारण एंटीफंगल कारक और कीटनाशकों का ज्यादा छिड़काव है। डॉ. आचार्य ने कहा कि हमारी रसोई बायॉकेमेस्टिक लैब है जहां के अच्छे खान-पान से हम स्वस्थ रह सकते है।

मुख्य वक्ता डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, प्राचार्य डूंगर कॉलेज, ने कहा कि बीकानेर में तत्कालीन राजाओं ने संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में कैंसर के लिए बहुत बड़ी व्यवस्था की जिसके कारण आज पूरे प्रान्त में कैंसर रोगियों हेतु अच्छा ईलाज बीकानेर में संभव हो सका है।
डॉ. पुरोहित ने बताया कि कैंसर रोग में कोबाल्ट-60 का उपयोग किया जाता था जिससे कैंसर सेल्स के साथ-साथ शरीर की अन्य सेल्स को भी हानि पहुंचती थी लेकिन अब नई तकनीकि का विकास हो गया है जिससे शरीर के जिस अंग पर कैंसर है वहीं विकिरणों द्वारा प्रभाव डाला जाता है। वर्तमान में होने वाली कैंसर जैसी अनेको बीमारियांे का कारण कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) है। डॉ. पुरोहित ने बताया कि विकरणों का उपयोग एक्स-रे, सोनाग्राफी आदि में भी होता है जोकि हमारे शरीर के लिए हानिकारक है।
डॉ. पुरोहित ने बताया कि हमें कैंसर से बचने के लिए जर्दा, गुटखा के साथ-साथ जंक फूड से भी बचना चाहिए। हमें अपने खान-पान में ग्वारपाठा, तुलसी, आंवला का उपयोग करना चाहिए जिससे हमारा प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) मजबूत होगा और हम बीमारियों से बच सकते है।

कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने संस्था की गतिविधियों से सभी को रूबरू करवाते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाआंे में मानसिक चेतना का विकास होता है।

आगुन्तको का परिचय मोनिका यादव ने दिया तथा धन्यवाद एवं आभार सुनिता श्रीमाली ने दिया। कार्यक्रम में रामगोपाल व्यास, लक्ष्मण मोदी, रवि अग्रवाल, डॉ. रितेश व्यास, डॉ. करणीदान, मो. फारूक माया, मोनिका, हर्षित दैया, योगेन्द्र पुरोहित, महेश उपाध्याय के साथ कई विज्ञान के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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