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बीकानेर,आज बीकानेर कलेक्ट्री में गृहमंत्री भारत सरकार अमितशाह द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विरुद्ध टिप्पणी संसद में की,उसी के विरुद्ध इस्तीफे की मांग को लेकर पूर्व केबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल के नेतृत्व में हजारों की संख्या में दलितो, किसानों,मजदूरों के साथ कलेक्ट्री में धरना दिया। इस धरना स्थल को नीले झंडों से सजाया गया,नीली टीशर्ट्स व भीमराव अंबेडकर के पोस्टर्स के साथ प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोंपा गया। धरनार्थियों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री मेघवाल ने कहा की अमित शाह जी ने कहा कि बार-बार अंबेडकर अंबेडकर क्या करते हो यह एक फैशन बन गया है, इतना नाम अगर भगवान का लोगे तो आप सात जन्म स्वर्ग में चले जाओगे। इस पर कटाक्ष करते हुए मेघवाल ने कहा कि अमित शाह जी दलितों के लिए तो भगवान डॉक्टर अंबेडकर ही है, जिन्होंने भारत का संविधान बनाकर दलित,पिछड़ा, मजदूर,किसान को वोट का अधिकार ,शिक्षा का अधिकार,स्वतंत्रता का अधिकार दिया और आज हमें जो आजादी मिली है, यह देन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब की ही है।आपने केवल डॉक्टर बाबा साहब का अपमान नहीं किया है बल्कि यह अपमान पूरे दलित समाज का है, धर्मनिरपेक्ष ताकतों का है। क्योंकि डॉक्टर अंबेडकर साहब ने कहा था कि जब तक संविधान जिंदा है तब तक मेरी आत्मा जिंदा है। आपके इस टिप्पणी से झलक रहा है कि आप नफरत फैलाना चाहते हैं, संविधान को खत्म करना चाहते हैं।मनुस्मृति को लागू करना चाहते हैं।इसलिए आपने यह नफरत की बात कही है। इसी के विरोध में मल्लिका अर्जुन खड़गे जी ने व राहुल जी ने,प्रियंका गांधी जी ने विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी के द्वारा राहुल जी पर झूठे मुकदमें किए गए हैं, इसको हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। आपकी साजिश है संविधान को खत्म करने की, इसको हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेघवाल ने आगे कहा कि 1947 से पहले हमारा देश गुलाम था, बोलने की आज़ादी,शिक्षा प्राप्त करने व समानता का अधिकार नहीं था। इस देश में राजाओं का राज था, पूरे भारत में अंग्रेज राज करते थे,हमारा देश गुलाम था। लाखों स्वतंत्रता सेनानी शहीद होने के बाद इस देश को आजादी मिली। आजादी में हमें संविधान की जरूरत पड़ी तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को संविधान समिति का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने विश्व में सबसे विशाल,विस्तृत और लिखित संविधान बनाया। जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।

मेघवाल ने कहा कि 2014 से जब से मोदी अमित शाह आए हैं इनका सोच है कि डॉक्टर अंबेडकर साहब का संविधान खत्म हो और यह आरएसएस का संविधान लागू करना चाहते हैं। क्योंकि 2014 से सत्ता प्राप्ति के बाद से यह सरकार पूंजीपत्तियों की कठपुतली के रूप में राज कर रहे हैं,भारत की सारी संवैधानिक संस्थाएं रेलवे,बीएसएनएल, एयरपोर्ट, बंदरगाह, बैंक इत्यादि सब बेच दिया। नोटबंदी करके भारत में आर्थिक मंदी ला दी, महंगाई चरमसीमा पर है, बेरोजगारी जबरदस्त है,अग्निवीर योजना लाकर सेना का सत्यानाश कर दिया।पुलवामा कांड हो गया उसकी आज तक जांच नहीं कराई।2000 रुपये का नोट जो 2016 में जारी किया था वह नोट बंद कर दिया।भारतीय रुपये की कीमत जबरदस्त गिर गई है। उसके कारण भारत की आर्थिक स्थिति खराब है। लेकिन आरएसएस और बीजेपी के लोग पूरे भारत में हिंदू और मुसलमान को आपस में लड़ा कर नफरत का वातावरण बनाने में लगे हुए हैं।विकास कार्य बंद पड़े है, जो नेता इन मुद्दों के विरुद्ध बोलता है, उसको ईडी,सीआईडी,सीबीआई आदि के जरिये जेल में डालने का काम करते हैं।इस कारण पूरे देश का वातावरण दूषित हो गया है।भय का वातावरण पैदा कर रहे हैं। मेघवाल ने कहा कि पूरे भारत में राहुल गांधी के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्षता के लिए कांग्रेस पार्टी लड़ाई लड़ रही है। लेकिन आज राहुल गांधी पर 40 मुकद्दमें दर्ज करवा दिए है। अभी हाल ही में संसद में 307 का जो झूठा मुकदमा दर्ज कराया है इसको लेकर के हमारी पार्टी में भयंकर आक्रोस व्याप्त है।आरएसएस,बीजेपी की नियत है कि पूरे भारत में संविधान समाप्त हो जाए और उसका ताज़ा उदाहरण है लैटरल भर्ती।पीछे से बिना कंपटीशन के आईएएस भर्ती ले रहे हैं।सारी संवैधानिक संस्थाएं इन्होंने कमजोर कर दी, बैंकों को दिवालीया कर दिया है। जो पत्रकार सच्ची खबर दिखाता है, उसको जेल में डाल देते हैं। देश में तानाशाही मचा रखी है। इसलिए आज जो बाबा साहब पर इन्होंने जो टिप्पणी की है इसको लेकर हम आहत है। इसलिए आज बीकानेर में धरना देकर हम अमित शाह जी के इस्तीफा की मांग करते हैं, और अमित शाह जी सार्वजनिक माफी मांगे।मेघवाल ने अर्जुन राम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अर्जुन राम जी कानून मंत्री है। जहां इनको अमित शाह जी से इस्तीफा की मांग करनी चाहिए या खुद को इस्तीफा देना चाहिए उल्टा अपने जन्मदिन का जशन मना रहे हैं और अमित शाह जी को समर्थन करके और उनका गुणगान कर रहे हैं। इसलिए मेघवाल ने अर्जुन राम से भी इस्तीफे की मांग की है।आरक्षित सीटों से ऐसे व्यक्ति लोकसभा में जाने चाहिए,जो गरीब, किसान, दलित व मजदूर का भला कर सके।
मेघवाल ने कहा कि अभी हरियाणा और महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार और ईवीएम के माध्यम से चुनाव जीते है और बीकानेर के अर्जुन राम भी ईवीएम के माध्यम से चुनाव जीते हैं। किसी भी गांव में मीटिंग नहीं की,किसी भी गांव में जाकर जनता से संवाद नहीं किया। मैं मांग करता हूं कि अगला चुनाव बैलेट पेपर से करवाने की मांग की।लेकर महंगाई,बेरोजगारी,अमित शाह के स्टेटमैंट को लेकर आने वाले समय में गांव-गांव में मीटिंग करेंगे, जब तक अमित शाह जी इस्तीफ़ा नहीं देते आने वाले समय में अमित शाह जी के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा। गांव में बिजली,पानी की पर्याप्त आपूर्ति नही, बीकानेर जिले में समर्थन मूल्य की जो मूंगफली खरीद हुई है उसमें भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है, ठेकेदार व अधिकारियों ने और बीजेपी के नेताओं ने जबरदस्त लूट की है। उच्चस्तरीय जांच करवा कर कार्रवाई की मांग करते हैं। गांव में किसानों को ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहा है। महंगाई के कारण दो टाइम की रोटी की मुश्किल हो गया है।इन सब मुद्दों को लेकर आने वाले समय में आंदोलन खड़ा किया जाएगा। कलेक्ट्रेट से मेजर पूर्ण सिंह सर्किल होते हुए बाबा साहब की मूर्ति पर जाकर गोविंदराम सहित सभी आंदोलनकारियों ने बाबासाहेब को माला पहनाई फूल बरसाए और वहां संकल्प लिया कि जब तक उक्त समस्याओं का समाधान नहीं होगा हमारा आंदोलन जारी रहेगा। राहुल गांधी का मुकदमा वापस लेने की भी मांग की गई ।मंच संचालन रामनिवास कूकणा ने किया।
जिला संगठन महासचिव मार्शल प्रहलाद सिंह ने बताया कि कन्हैया लाल,डॉ गुना राम सादुल, राधाकृष्ण, पेमाराम प्रधान, जेठाराम राजूराम, भिंयाराम, हेमाराम,मघाराम, कन्हैयालाल भाटिया,देवीलाल परिहार, रमेगाराम देवड़ा, घनश्याम मास्टर हुकमाराम, सीताराम सगुना राम, नारायण सिंह पन्नालाल नायक,कन्हैयालाल, जेठाराम,रेवत राम,आनन्द सी कडेला,कयामुद्दीन पडियार लालचंद आसोपा प्रधान, भंवरलाल पड़िहार,ओम प्रकाश भादू,विशनाराम दावा,सुधीर रफीक शाह, महावीर बेनीवाल, पूर्णाराम थालोड़, त्रिलोक भींचर, छगन जाखड़, खेमाराम, शिवलाल, मदनलाल, रूपाराम नोखड़ा,हीरालाल मेघवाल, सहीराम मेघवाल रामलाल मेघवाल नोपाराम जाखड़ अध्यक्ष, सद्दाम हुसैन राजेंद्र मेघवाल मोहन लीलड,पूर्व विधायक गिरधारी लाल महीया, रामदेव मेघवाल नरेंद्रसिंह राजावत,राम सिंह सोढा, दीपक अरोड़ा, यासीन खान, हेतराम जाखड़,हेमाराम मेघवाल,
लालचन्द,दुलाराम, सोहनलाल, मोहनलाल,अरविन्द मिढा, रामधन, राकेश चांगरा गणेशाराम दावा
गुलाम मुस्तफा,गोविन्दराम,जीवणखां, रामकुमार तेतरवाल इत्यादि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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