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बीकानेर.पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का आगाज मंगलवार से होगा। दीपोत्सव के पहले दिन धनदा त्रयोदशी अर्थात धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। आरोग्यता की कामना को लेकर भगवान धन्वंतरी का पूजन होगा। शुभ मुहूर्त में लोग सोना चांदी – के आभूषण, चांदी के सिक्के, मूर्तियां, विभिन्न धातुओं के बर्तन आदि की खरीदारी करेंगे। शाम को घर-घर और दुकानों -प्रतिष्ठानों और मंदिरों में दीपालिका होगी।

घरों के मुख्य द्वार के आगे राती मिट्टी से अनुकृति चित्रित कर उस पर दीपक रखा जाएगा। वहीं घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर भी दीपक रखे जाएंगे। श्रद्धालु लोग मंदिरों में दीपदान करेंगे।

दीपोत्सव को लेकर घरों और दुकान प्रतिष्ठानों को रंग बिरंगी रोशनियों से भी सजाए गए है। 3

धनदा त्रयोदशी का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार पांच दिवसीय दीपोत्सव में धनदा त्रयोदशी अर्थात धनतेरस का विशेष महत्व है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है। समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए। इस दिन आरोग्यता की कामना को लेकर भगवान धन्वंतरी का पूजन किया जाता है। पंडित किराडू के अनुसार इस दिन पीतल, तांबा, चांदी, स्वर्ण आदि के पात्र खरीदने की परम्परा है। स्वर्ण, चांदी खरीदने से धन की समृद्धि होती है। इस दिन व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कुबेर, मां लक्ष्मी का भी पूजन करते है।

नवंबर को रूप चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी पर्व और 4 नवंबर को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। घर घर मां लक्ष्मी का पूजन होगा व आतिशबाजी की जाएगी। 5 नवंबर

को अन्नकूट उत्सव व गोवर्धन पूजा होगी। 6 नवंबर को यम द्वितीया अर्था भाईदूज पर्व होगा।

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