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बीकानेर,पसीने से तर बतर बदन। कपड़े और जरूरी सामान रखा बैग पीठ पर। एक-दूसरे का हाथ थामे कदम बढ़ाते युवा, बुजुर्ग और बच्चे। पैदल चलने की थकान बस जय बाबे री.., का जयकारा लगाते ही गायब।इनकी सेवा में दूध-पानी से लेकर भोजन, चाय तक की मनुहार करते सवा समितियों के लोग। आस्था और श्रद्धा का ऐसा अद्भूत नजारा इन दिनों जैसलमेर हाइवे पर देखने को मिल रहा है। सोमवार को सेवा संगठनों के शिविर कोलायत और दीयात्रारा के बीच स्थानांतरित किए गए। जैसे ही भक्तों की भीड़ रामदेवरा की ओर बढ़ती है, भक्त भी अपने तंबू, वाहन और सामान लेकर आगे पहुंच जाते हैं।

हर साल करीब 10 लाख श्रद्धालु पैदल ही रामदेवरा पहुंचते हैं। इनमें से ज्यादातर बीकानेर-जैसलमेर हाईवे से पैदल ही रुनेचा जाते हैं। विशेष रूप से उत्तर और पूर्वी भारत के ट्रेकर्स बीकानेर से गुजरते हैं। लोक देवता बाबा रामदेव का झंडा फहराने वाले वाहन कतर में पश्चिम की ओर बढ़ते हुए दिखाई देते हैं। जब राहगीर सड़क के किनारे चलते हैं। भक्तों की सेवा करने की भावना भी अद्भुत है। हर किलोमीटर पर ठंडे पानी के टैंकर और कैंपर रखे जाते हैं। सड़क किनारे सेवा समिति के टेंटों में आराम के लिए कूलर से लेकर गद्दे तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सेवा कैंप में मोबाइल चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

पैरों की मालिश से लेकर चप्पल तक सेवा समितियों ने चलने वालों के लिए दवाओं की व्यवस्था की है। कई जगहों पर अटेंडेंट आते ही पैदल चलने वालों के पैरों में तेल से मालिश करने लगते हैं। जिससे जाटरू की थकान दूर हो सके। सेवा समिति ने पैदल चलने वालों के लिए चप्पल की भी व्यवस्था की है। बीकानेर के मस्त मंडल द्वारा वातानुकूलित टेंट की भी व्यवस्था की गई है। ताकि कोई भी जीव वृद्धावस्था और लू की चपेट में आकर उसमें रखा जा सके। भोजन में अंकुरित अनाज से लेकर पौष्टिक आहार और फल शामिल हैं। बलचंद राठी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट 50 वर्षों से सेवा कर रहा है। इस बार भी सड़क किनारे चाय, नाश्ता, टेंट, शीतल जल की चौबीसों घंटे सेवा दी जा रही है। राज्य और अन्य राज्यों के जिलों में सड़क के किनारे सेवा शिविर भी स्थित हैं।

आम आदमी से लेकर सेवा में मंत्री तक
कई उद्योगपति और धनी परिवारों के सदस्य भी जातराओं की सेवा में शामिल थे। शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला की पत्नी बाबा मित्र मंडल रानी बाजार में नोखाड़ा के पास सेवा शिविर पहुंचे और जात्राओं की सेवा की। जिनके पास क्षमता है वे सेवा कर रहे हैं। साथ ही हाईवे पर कई मोबाइल की दुकानें हैं। तीर्थयात्रियों की भीड़ के साथ हाईवे पर चलने वाले तिपहिया और चौपहिया वाहनों में भी आवश्यक सामानों की दुकानें हैं। लोग उनसे साबुन, तेल, खाना, चप्पल, बनियान जैसी जरूरी चीजें खरीदते हैं।

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