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जयपुर,जैन तीर्थ स्थली श्री महावीर जी में रविवार को जयपुर से गए श्रद्धालुओं के एक दल ने भगवान महावीर स्वामी का कलशाभिषेक किया, श्रीजी के कलश के पश्चात प्रातः 9.30 बजे से प्रवचन हॉल में अजीत पाटनी के निर्देशन में गाजों-बाजों के साथ शांतिनाथ महामंडल विधान पूजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नाचते – गाते हुए जिनेन्द्र प्रभु की आराधना की और अष्ट द्रव्यों के अर्घ चढ़ाए।

यात्रा आयोजक गौरव जैन ने जानकारी दी की मानसरोवर से शनिवार रात्रि 11 बजे से एकदिवसीय श्री महावीर जी यात्रा का आयोजन किया गया। जो रविवार को प्रातः 4 बजे महावीरजी पहुंची। वहां प्रातः 6.15 बजे से श्रीजी का कलशाभिषेक, प्रातः 9.30 बजे से शांतिनाथ महामंडल विधान पूजन, दोपहर 2 बजे से क्षेत्र के सभी जैन मंदिरों की पदयात्रा, दोपहर मध्याह 4 बजे सृष्टिधाम में विराजमान गणिनी आर्यिका सृष्टि भूषण माताजी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और सायः 6.30 बजे मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की 108 दीपों से मंगल आरती की गई। विधानपूजन के दौरान 11 जोड़ो सहित 25 से अधिक एकल श्रद्धालुगणों ने श्रद्धा – भक्ति, गीत – संगीत के साथ श्रीजी की आराधना करते हुए अपने कर्मों की निर्जरा के लिए अर्घ चढ़ाए।यात्रा में अशोक जैन खेड़ली वाले (पूर्व अध्यक्ष, वरुण पथ समाज समिति), राकेश जैन, जिनेन्द्र जैन (झोटवाड़ा), अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद बाकलीवाल, एडवोकेट सिद्धार्थ जैन, सूचित सेठी, अंकित जैन, नितेश जैन, सुमन जैन, निधि जैन, मीनाक्षी जैन, प्रिया बाकलीवाल, आशा जैन, प्राची जैन सहित अन्य श्रद्धालुगणों शामिल हुए।

*युवाओं को आगे आकर समाज में जिम्मेदारियों को सीखना चाहिए – आर्यिका सृष्टि भूषण माताजी*

महावीर जी में विराजमान गणिनी आर्यिका सृष्टि भूषण माताजी के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, इस दौरान यात्रा में शामिल युवाओं को देखकर माताजी ने अपने आशीर्वचन में कहा की ” समय प्रतिदिन बदलता है, युवाओं को आगे रखने के साथ-साथ युवाओं को स्वयं आगे आकर समाज में जिम्मेदारियों को सीखना चाहिए। जिससे नवीन पीढ़ी को धर्म और समाज से जोड़ा जा सके। “

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