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बीकानेर, 144 वर्षों के दुर्लभ संयोग से मिले महाकुम्भ में संगम के तट पर प्रयागराज की धरा पर संत-महात्माओं के सान्निध्य में त्रिवेणी महायज्ञ वाकई महापुण्य का आयोजन साबित हो रहा है। परम पूज्य सियारामजी महाराज की कृपा से तथा गुरुदेव श्रीश्री 1008 महंत  रामदासजी महाराज के आशीर्वाद से और राष्ट्रीय संत  सरजूदासजी महाराज के सान्निध्य में सात दिवसीय इस त्रिवेणी महायज्ञ का आगाज गुरुवार को जलयात्रा के साथ हुआ। सिर पर कलश रख कर ढोल-ताशों के साथ निकली इस जलयात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। राष्ट्रीय संत सरजूदासजी महाराज ने बताया कि बीकानेर से पधारे श्रद्धालुओं ने संत-महात्माओं के सान्निध्य में त्रिवेणी से जल भरा और जलयात्रा निकालने के साथ ही त्रिवेणी महायज्ञ का शुभारम्भ किया गया। त्रिवेणी महायज्ञ में मात्र एक आहुति देने के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आए। प्रयागराज महात्यागीनगर आश्रम में 29 जनवरी तक चलने वाले इस महायज्ञ में महंत माधवदासजी महाराज, महंत बिजली बाबा, महंत रामेश्वरदासजी, महंत शिवरामदासजी, महंत बड़के बाबा, महंत भगवानदासजी, संत बालकदासजी महाराज आदि शामिल रहे।

वरदान साबित हो रहा बीकानेर खालसा, 17 दिनों में 5१ हजार से अधिक श्रद्धालू पहुंचे महात्यागीनगर*
रामझरोखा कैलाशधाम आश्रम टीम के 4 जनवरी को विशाल शोभायात्रा के साथ बीकानेर से प्रयागराज प्रस्थान करने के बाद 6 जनवरी से बीकानेर खालसा प्रारंभ हो गया। राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि विगत 17 दिनों में 5१ हजार से अधिक श्रद्धालुओं को प्रयागराज स्थित महात्यागीनगर (बीकानेर खालसा) में चाय-नाश्ता, भोजन व निवास की नि:शुल्क सुविधाएं प्रदान की जा रही है। सरजूदासजी महाराज ने बताया कि बीकानेर खालसा में रोजाना 3-4 हजार श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है और महाकुम्भ में स्नान कर पुण्यलाभ प्राप्त कर रहे हैं। खास बात तो यह है कि संत-महात्माओं का सान्निध्य, 24 घंटे राम नाम संकीर्तन व महायज्ञ जैसे आयोजन श्रद्धालुओं को अध्यात्मलाभ पहुंचा रहे हैं।

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