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बीकानेर,कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रीकोलायत के कपिल मुनि मंदिर में मेला भरा। धार्मिक आस्था के चलते विभिन्न स्थानों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने कपिल सरोवर में तीर्थ स्नान किया। श्रद्धालुओं ने सरोवर परिसर में बने देव मंदिरों में दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की तथा साधु संतों को दक्षिणा देकर व भिक्षुओं को दान देकर पुण्य कमाया।

कार्तिक पूर्णिमा मेले के चलते मंदिर व सरोवर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इस दौरान हवन-पूजन सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए। इनमें शामिल होकर लोगों ने परिवार के लिए मंगल कामनाएं की। लोगों की आवाजाही के चलते कस्बे में दिनभर चहल-पहल बनी रही।

जमकर खरीदारी

मेले के दौरान लगी दुकानों पर लोगों ने प्रसाद, खिलौने, सौंदर्य प्रशासन सहित अन्य सामान की खरीदारी की। इस दौरान लोगों ने मिट्टी का सामान, खेती के उपकरण, मवेशी सहित अन्य सामान की खरीदारी की। साथ ही खाने की वस्तुओं का भी आनंद लिया।

हुआ दीप दान

दिनभर पूजन व अनुष्ठानों में शामिल होने के बाद रात्रि को लोगों ने कपिल सरोवर में दीपदान किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दीपकों से सरोवर का जल झिलमिला उठा।

हुए सामाजिक सम्मेलन

इस अवसर पर विभिन्न समाजों के सम्मेलन भी हुए। इनमें समाज के लोगों ने शामिल होकर विकास पर चर्चा की। साथ समाज की प्रतिभाओं व प्रबुद्ध लोगों को सम्मान भी किया गया। समाज के लोगों ने कुरीतियों को छोड़ने को लेकर भी विचार किया। साथ ही विकास कार्यों में भागीदारी निभाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विभिन्न समाजों की धर्मशालाएं श्रद्धालुओं ने अटी रही।

गुरुपर्व मनाया

गुरु नानक देव की जयंती पर सिख समाज के लोगों ने गुरु पर्व मनाया। यहां सरोवर के पास ही बने गुरुद्वारा में सिख धर्म से जुड़े लोग भी पहुंचे। विभिन्न स्थानों से आए सिख समाज के लोगों ने गुरुद्वारा में मत्था टेक कर अरदास की। इस दौरान लंगर का आयोजन भी किया गया। इसमें लोगों ने गुरु का लंगर छका। मान्यता है कि इस स्थान पर गुरुनानक देवजी ने यात्रा की थी। इस दिन बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु भी कोलायत पहुंचे।

प्रशासन रहा मुस्तैद

मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मुस्तैद रहे। कोलायत के सीओ अरविंद विश्नोई ने बताया कि पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम व पुलिस उप अधीक्षक प्यारे लाल ने मेले का जायजा लिया व पुलिस को व्यवस्था चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। इस दौरारान बजरंग पंवार, विकास अधिकारी कृष्ण कुमार चावला सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

स्नान करने का विशेष महत्व

कार्तिक पूर्णिमा पर कपिल सरोवर में स्नान करने का विशेष महत्व है। यहां आने और रात्रि प्रवास करने को अन्य तीर्थ स्थलों के 10 वर्षों के प्रवास के बराबर माना गया है। स्नान करने के बाद श्रद्धालु कपिल मुनि की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि इस सरोवर की उत्पत्ति स्वयं कपिल मुनि ने अपनी माता की मुक्ति के लिए की थी। पुराणों में भी कोलायत सरोवर का उल्लेख किया गया है। एक अन्य मान्यता के अनुसार कपिल मुनि ने कोलायत में ही पीपल के पेड़ के नीचे अपना शरीर समर्पित किया था। यहां कोलायत सरोवर के आसपास पीपल के काफी पेड़ है। झील के पास ही बने कपिल मुनि के मंदिर में काले संगमरमर से बनी गरूड़ व वशिष्ठजी की प्रतिमाएं भी स्थापित है। कपिल मुनि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। वह सांख्य शास्त्र के जन्मदाता है। मान्यता है कि कपिल मुनि ने मां के गर्भ में रहने के लिए दौरान ही अपनी माता को सांख्य शास्त्र ज्ञान दिया था।

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