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बीकानेर,केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए बीकानेर में मीटिंग ले रहे केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की मीटिंग में पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी के पहुंचने को सुरक्षा में चूक माना जा गया है। खुद एसपी योगेश यादव ने इस मामले में एडिशनल एसपी को जांच करके रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, जिला कलक्टर स्वयं इस घटनाक्रम के बाद से पुलिस व्यवस्था से नाराज है।

बुधवार को जिला कलक्टर सभागार में मेघवाल “दिशा” की मीटिंग ले रहे थे। इसी दौरान पूर्व मंत्री और मेघवाल के चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी देवीसिंह भाटी वहां पहुंच गए। भाटी ने कक्ष में पहुंचकर पहले तो मेघवाल से जुड़े मुद्दों को उठाया लेकिन बाद में उन्होंने जिला कलक्टर के प्रति नाराजगी जताई। उन्होंने कलक्टर से कहा कि आज मिलने का समय तय हुआ था, आप हमें सूचना कर देते तो हम नहीं आते।

तय थे दोनों कार्यक्रम

बीकानेर की विभिन्न समस्याओं को लेकर भाटी का कलक्टर से मिलने का कार्यक्रम पहले से तय था। इसी तरह दिशा की मीटिंग भी पहले से तय थी। ऐसे में भाटी और मेघवाल की वहां उपस्थिति पहले से तय थी तो सुरक्षा के भी खास प्रबंध होने चाहिए थे। आमतौर पर कोई भी नेता कलक्टरी में आता है तो उसके साथ चार-पांच लोगों को ही कलक्टर से मिलने की अनुमति दी जाती है। इसके विपरीत भाटी के साथ दस से पंद्रह लोग थे। इनमें अधिकांश दिशा की मीटिंग में पहुंच गए थे।

मिलना तय था, मीटिंग हॉल नहीं

आमतौर पर मीटिंग के दौरान कलक्टर से मिलने वाले प्रमुख लोगों को वेटिंग रुम में बिठाया जाता है। स्वयं कलक्टर मीटिंग हॉल से अपने ऑफिस में पहुंचकर बात कर लेते हैं। इस मामले में भाटी ने इंतजार नहीं किया और सीधे मीटिंग हॉल में पहुंच गए। किसी ने भी कलक्टर को इसकी सूचना भी नहीं दी कि भाटी आ गए हैं। चूंकि भाटी सूचना देकर ही आए थे और उनके साथ कलक्टर आमतौर पर इसी मीटिंग हॉल में चर्चा करते हैं।सुरक्षा गार्ड ने खोला दरवाजा खास बात ये है कि आम आदमी को मीटिंग हॉल में जाने की छूट नहीं है लेकिन भाटी को मीटिंग हॉल में जाने के लिए वहां तैनात सुरक्षा गार्ड ने ही गेट खोला। भाटी को अंदर जाने से वहां खड़े किसी भी सुरक्षाकर्मी व पुलिसकर्मी ने हिम्मत नहीं दिखाई।

अब एएसपी करेंगे जांच

इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर ने पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है और अब पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं। दो-चार दिन में इस संबंध में जांच रिपोर्ट आएगी। संभव है कि मौके पर तैनात गार्ड और उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी पर इसकी गाज गिर सकती है।

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