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बीकानेर। पूर्व मंत्री एवं दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी की ओर से सीएम अशोक गहलोत को भेजे गये एक खत की खबर वायरल होने के बाद बीकानेर की सियासत गरमा गई है। भाटी ने सीएम को भेजे खत में लिखा है कि सिंचाई मंत्री का जिम्मा पश्चिम राजस्थान से जुड़े किसी कैबिनेट मंत्री को दिया जाना चाहिए ।मजे कि बात तो यह है कि भाटी ने एक वीडियो जारी करके गोविन्दराम मेघवाल को सिंचाई मंत्री के लिए सर्वाधिक उपयुक्त बताया है । भाटी के इस खत और वीडियों की खबर से बीकानेर से लेकर जयपुर तक हलचल मची हुई है। वहीं भाटी का सुझाव देना कांग्रेस के कई नेताओं को अखर रहा है। लेकिन फिलहाल इन नेताओं ने अपना कोई बयान जारी नहीं किया है। भाटी ने सीएम को लिखा है कि बीकानेर संभाग में करीब चालीस लाख बीघा जमीन सिंचित है। ये राजस्थान में सबसे बड़ा सिंचित भू भाग है। ऐसे में दक्षिणी राजस्थान के बजाय पश्चिमी राजस्थान के किसी कैबिनेट मंत्री को सिंचाई विभाग का जिम्मा दिया जाना चाहिए। हालांकि उनके इस पत्र में केबिनेट मंत्री गोविन्दराम का नाम नहीं है लेकिन बाद में एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि बीकानेर के दोनों केबिनेट मंत्री सिंचाई विभाग संभाल सकते हैं लेकिन कृषक पृष्ठभूमि होने के कारण गोविन्दराम मेघवाल इसमें सबसे ज्यादा उपयुक्त है।भाटी ने इस खत और वीडियों के जरिये कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल को साधने का प्रयास किया है। वैसे गोविन्दराम मेघवाल की भाटी के साथ पहले ही नजदीकता रही है। क्योंकि बीकानेर की सियासत में भाटी के ध्रुव विरोधी समझे जाने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सियासी तौर पर गोविन्दराम मेघवाल के विरोधी माने जाते है।ऐसे में माना जा रहा है कि देवीसिंह भाटी और गोविन्दराम के बीच बैठ रहे सियासी समीकरण आगामी चुनावों में डूडी और अर्जुनराम मेघवाल के लिये बड़ी सियासी चुनौति बन सकते है। फिलहाल कैबिनेट मंत्री बनने के बाद हर कदम फूंक फंक कर रहे गोविन्दराम मेघवाल ने देवीसिंह भाटी के खत और वीडियों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री गहलोत का विशेषाधिकार है। जिसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

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