बीकानेर,गोचर संरक्षण व विकास आंदोलन में आप भी बने सहभागी गोचर विकास के लिए देवी सिंह भाटी फैलाएंगे झोली *गोचर में अच्छी वर्षा हुई है बीकानेर सरेह नथानिया, गंगशहर व भीनासर की गोचर भूमि शहर के बिल्कुल नजदीक है पर्यावरण दृष्टि से इसका बहुत महत्व है
वर्षा बाद गोचर में करने योग्य कार्यों की सूची
गोचर विकास के तय मॉडल के तहत इस कार्य में लगे लोगों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है।कोई भी व्यक्ति गो सेवक व गोचर विकास में लगे लोग भाग ले सकते हैं।। अगले चरण गोचर विकास के साथ साथ गंगाशहर गोचर की चार दीवारी तथा विकास के लिए जनता के सामने झोली फैलाने का कार्यक्रम होगा। *गोचर भ्रमण* करें इसमें सावधानी बरतें कि वाहन से यात्रा केवल प्रचलित मार्गों पर ही करें नई उगी हुई घास या पौधों के ऊपर वाहन से यात्रा ना करें
– छोटे पेड़ पौधे बड़ी संख्या में उग रहे हैं उनकी पहचान कर उपयोगी पेड़ पौधों को संरक्षित करने का कार्य किया जा सकता है
– अवांछित वनस्पतियों का उगाव भी बड़ी मात्रा में हो रहा है जैसे
कीकर जूलिफ्लोरा घोड़ा वन या जंगली सोनामुखी , बगरा , धतूरा
ऊंट कटेरा आदि पौधे तेजी से गोचरों में फेल रहे हैं ये पौधे जहां ज्यादा हो जाते हैं वहां उपयोगी घास को होने ही नहीं देते हैं। इन अवांछित वनस्पतियों का शमन करने का कार्य किया जा सकता है
– गोचर में जहां भूमि कठोर हो गई है या बझ गई है वहां परंपरागत घास का विस्तार नहीं हो पाता है उस स्थान पर सिलर (एक प्रकार का कृषि औजार ) के माध्यम से भूमि को मुलायम करने का कार्य भी महत्वपूर्ण है
– गोचर में जहां भूमि कमजोर है और जहां घास का विस्तार कम है उन स्थानों को चिन्हित कर आगे उनको विकसित करने की योजना बनाई जा सकती है
– जहां वर्षा पानी एकत्र होता है या पानी के बहाव के रास्ते है उन स्थानों पर बीज विस्तार केंद्र बनाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए
– इसके अलावा भूमि सुपोषण बीज विस्तार व संग्रह वनस्पति परिचय जीव जगत के पोषण संरक्षण आदि अनेक विषयों पर चिंतन किया जा सकता है
उपरोक्त सभी कार्य सुगमता से करने के लिए व पेड़ पौधों की पहचान हेतु दिनांक 25-9-21 से 28-9-21 तक प्रात 6 से 9 बजे तक *गंगा शहर गोचर में प्रशिक्षण कार्यक्रम* भी रहेगा
इन कार्यों से गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण, जीव जगत की सेवा, मानव स्वास्थय सेवा, पंच तत्वों की शुद्धि सहित सभी प्रकार की सेवा स्वत हो जाएगी।