
बीकानेर,कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा खरीफ-पूर्व अभियान के तहत “विकसित कृषि संकल्प अभियान” कार्यक्रम का आयोजन 29 मई से 12 जून के मध्य किया जा रहा है। संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने बताया कि इसी क्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र व कृषि विभाग मिलकर चार टीमों के माध्यम से 180 गांवों में अभियान का आयोजन करेंगे। प्रत्येक टीम द्वारा एक दिन में तीन गांवों में यह अभियान सुनिश्चित किया जाएगा, जिसका विस्तृत कार्यक्रम अलग से जारी कर दिया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र बीकानेर प्रथम बीकानेर द्वारा 2 टीमें व कृषि विज्ञान केन्द्र बीकानेर द्वितीय लूणकरणसर द्वारा 2 टीमें मय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद वैज्ञानिक, कृषि उद्यान अधिकारी व नवाचारी किसान संयुक्त रूप से अभियान में ग्राम-ग्राम जाएंगे। कृषि विज्ञान केन्द्र बीकानेर के अध्यक्ष डॉ दुर्गा सिंह प्रभारी रहेंगे, टीम एक का नेतृत्व डॉ मदनलाल रेगर, टीम दो का नेतृत्व डॉ केशव मेहरा करेंगे। वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र लूणकरनसर के डॉ. राजेश कुमार सिवरान प्रभारी रहेंगे, टीम एक का नेतृत्व डॉ आर के सिवरान, टीम दो का नेतृत्व डॉ भगवत सिंह करेंगे।
उन्होंने बताया कि अभियान के आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र विशेष के लिए खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों से सम्बंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक किया जाए। किसानों के लिए उपयोगी विभिन्न सरकारी एवं विभागीय योजनाओं तथा नीतियों के बारे में किसानों को जागरूक करने के साथ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझायी गयी विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित उर्वरक एवं खाद इत्यादि के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित किया जाएगा। किसानों से फीडबैक लेकर उनके द्वारा किए गए नवाचारों एवं उसके अनुसार अनुसंधान की दिशा का निर्धारण किया जाएगा।
*विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान इन मुख्य बिन्दुओं पर किसानों से होगी चर्चा*
सहायक निदेशक कृषि उद्यानिकी मुकेश गहलोत ने बताया कि किसानों को उन्नत तकनीकों, नई किस्मों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा। उत्पादकता वृद्धि के मूल मंत्र यथा समय पर बुवाई, प्रमाणित / उन्नत बीज का उपयोग, बीजोपचार, मिट्टी की जांच के आधार पर संतुलित उर्वरक प्रयोग, गर्मी में खेत की गहरी जुताई, उचित बीज दर एवं फसल की कतार में बुवाई, दलहनी/तिलहनी फसलों में जिप्सम का उपयोग, फव्वारा/ड्रिप/पाईप लाईन का उपयोग, फसल की कान्तिक अवस्थाओं पर सिचांई, मित्र कीटों का संरक्षण, फसल बीमा, उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझायी गयी विभिन्न फसलों में संतुलित तत्व के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित किया जाएगा। कृषि-ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शनः केवीके संस्थान और इफको, द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग पर प्रदर्शन आयोजित करवाया जाएगा। किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आई.सी.टी. का व्यापक उपयोग किया जाएगा। अभियान का सम्पूर्ण पर्यवेक्षण संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद् द्वारा किया जावेगा जिला नोडल अधिकारी परियोजना निदेशक आत्मा होंगे। ग्राम पंचायत के सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक कृषि एवं उद्यानिकी द्वारा अभियान की निर्धारित तिथि को अभियान में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं कम से कम 200 कृषकों की भागीदारी के साथ अभियान का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।