










बीकानेर,जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने द पैलेस स्कूल, जयपुर द्वारा न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद RTE के तहत प्रवेश देने से इनकार किए जाने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की है। संघ ने कहा कि यह कृत्य न केवल माननीय अदालत की अवमानना है, बल्कि राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।
संघ के अनुसार, राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर पीठ ने हाल ही में आदेश जारी करते हुए याचिकाकर्ता की बच्ची को प्रथम कक्षा में RTE के तहत अविलंब प्रवेश देने के निर्देश दिए थे और चेतावनी दी थी कि आदेश का पालन नहीं होने पर विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने आदेश की खुलेआम अवहेलना करते हुए प्रवेश से इनकार कर दिया।
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि स्कूल खुलेआम न्यायालय के आदेशों को ठुकराने लगेंगे, तो बच्चों के अधिकारों की रक्षा कैसे होगी? क्या शिक्षा विभाग केवल दर्शक बनकर बैठा रहेगा? ऐसी मनमानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
*संघ ने मांग की है कि—
* शिक्षा विभाग तत्काल द पैलेस स्कूल के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करे।
* संबंधित अधिकारियों को न्यायालय में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए बाध्य किया जाए।
* ऐसे स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई की स्पष्ट नीति लागू की जाए जो RTE के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं।
*प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि* “यह शिक्षण संस्थानों की बदनीयती और प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। जब एक बच्ची को RTE के तहत प्रवेश दिलाने के लिए माता-पिता को कोर्ट जाना पड़े और कोर्ट का आदेश आने के बाद भी स्कूल प्रवेश देने से मना कर दे, तो यह साफ दर्शाता है कि शिक्षा विभाग पर निजी स्कूलों का दबदबा हावी है। सरकार को तय करना होगा कि बच्चों के मूल अधिकार बड़े हैं या निजी स्कूलों की मनमानी।
संयुक्त अभिभावक संघ न्यायालय के आदेश की अवमानना को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।”
*मंगलवार को शिक्षा संकुल के मुख्य द्वार पर एकजुट होंगे RTE अभिभावक*
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी दी कि RTE में दाखिला नहीं मिलने से पीड़ित अभिभावकों की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को दोपहर 12:30 बजे शिक्षा संकुल के मुख्य द्वार पर आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा कर आगामी कार्ययोजना तय की जाएगी।
