बीकानेर,धनतेरस के साथ शुरू हुआ 5 दिवसीय दीपोत्सव का शनिवार को अंतिम दिन था। शनिवार को घर-घर में भैया दूज का त्योहार मनाया गया। बहनें अपने भाई की सलामती, दीघार्य व स्वास्थ्य की कामना के साथ उनके ललाट पर अक्षत के साथ कुमकुम तिलक लगाकर ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी, तो भाई अपनी बहनों को उपहार आदि दे रहे थे।
दीपावली के त्योहार पर प्रशासन की ओर से रात 8 बजे से 10 बजे तक ही आतिशबाजी की छूट दी गई थी तथा उसके बाद होने वाली आतिशबाजी व कानून एवं शांति व्यवस्था बहाली को लेकर मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के साथ ही बनाई गई टीमों को लेकर तैयारियां धरी की धरी रह गई। दीपावली
के दिन रात भर आतिशबाजी होती रही। आसमान पूरी तरह से आतिशबाजी से रंग-बिरंगा नजर आया, वहीं धुएं व आतिशबाजी के साथ उड़ी मिट्टी का गुब्बार छाया रहा।
कहीं नजर नहीं आई व्यवस्थाएं
जहां एक ओर 8 से 10 बजे तक आतिशबाजी की छूट थी, किंतु इस समय को छोड़कर कहीं पर भी मजिस्ट्रैट व पुलिसकर्मी तक नजर नहीं आए। गली-मोहल्लों वार्डों व शहर भर में जमकर आतिशबाजी होती रहीं। इनको रोकना तो दूर बाहरी मोहल्लों से आकर दूसरे व अन्यत्र स्थानों पर युवा बम पर बम फोड़ते हुए नजर आए।