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बीकानेर.राजस्थान में सामाजिक स्तर पर आंदोलनों की शुरुआत करने और समाज में खुद की स्वीकार्यता साबित कराने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी का निधन हो गया. वह श्रीराजपूत करणी सेना के संस्थापक थे और उनकी सामाजिक नेता के तौर बड़ी पहचान थी. भले ही राजनीतिक तौर पर वे उस मुकाम को हासिल नहीं कर पाए, जो उनको मिलना चाहिए था. लेकिन बावजूद इसके राजस्थान में राजपूत समाज के एक सर्वमान्य नेता के तौर पर सामाजिक स्तर पर उनकी पहचान थी. अपनी बात को अपने तरीके से कहना और गलत होने पर विरोध करने की शैली और मुखरता ने उनको एक अलग मुकाम दिलाया था.

सामाजिक न्याय मंच का गठन : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से तत्कालीन समय में हुई अदावत के बाद कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी के साथ मिलकर सामाजिक न्याय मंच का गठन किया था और इस मंच का उद्देश्य भी यही था कि आरक्षित को संरक्षण और पिछड़ों को आरक्षण मिले. हालांकि, बदलते समय में वसुंधरा राजे से उनकी अदावत नहीं रही. भाटी के साथ मिलकर अपनी सोची गई मुहिम को लेकर उन्होंने प्रदेशभर में अलग-अलग अलग स्थानों पर बड़ी रैलियां की. आरक्षण मामले को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया और लोगों को इस बारे में जागरूक भी किया. बाद में राजनीतिक पार्टी के रूप में सामाजिक न्याय मंच ने कई जगह अपने प्रत्याशी उतारे. हालांकि, यह अलग बात है कि उस समय केवल देवीसिंह भाटी ही मंच के बैनर तले चुनाव जीते.

बीकानेर से भी नाता : मूल रूप से नागौर के काल भी गांव के रहने वाले लोकेंद्र सिंह राजस्थान के साथ पूरे देश में लोकप्रिय थे. पश्चिमी राजस्थान में वह भी खासतौर से बीकानेर से उनका गहरा लगाव था. बीकानेर आने के दौरान देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन करना और बीकानेर में सर्वसमाज के लोगों से मुलाकात जरूर करते थे.

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