बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवम श्रीगोपाल गोशाला के संयुक्त तत्वावधान मे”श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के द्वारा महाजन स्थित श्रीगोपाल गोशाला प्रांगण मे हो रहा हे। गोशाला प्रबन्धक निरंजन सोनी ने बताया कि “तीसरे दिवस की कथा मे संजय कुमार ममता राठी ने जोङे सहित व्यास तिलक ओर भागवत पोथी करवाया। समस्त पुजन कार्य पं संदीप पुरोहित नितेश श्याम पुरोहित प्रभुदयाल शर्मा,द्वारा करवाया गया।तीसरे दिन की कथा वाचन करते हुए आज की कथा मे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने कथा प्रसंग माध्यम से भगवान के वाराह अवतार की कथा एव दक्ष के यज्ञ विध्वंस की कथा ओर सती प्रसंग,कर्दम देवहुति विवाह प्रसंग, भगवान कपिल के जन्म ओर कपिल उपाख्यान द्वारा सांख्य दर्शन
,आष्टांगयोग,यम नियम नवधा भक्ति के प्रकार बताते हुवे बालसंत श्रीछैल विहारी ने बताया कि “जीव शरीर द्वारा ज्ञानेन्द्रिय ओर कर्मेन्द्रियों के वशीभूत होकर रागद्वेष लोभ मोह कपट विकारो से युक्त होकर गैरजरुरी ईच्छाओ को अपनाता है।,ओर उसी अनंत ईच्छाओ को पुरी करने की लालसा के कारण जीवन को दुखमय बना लेता है। बालसंत ने कहा कि जीवात्मा के विकार ही जीव को पुरुषार्थ प्राप्ती मे बाधक बनते हे।कपिलोपाख्यान द्वारा आत्मा ओर मन के भेद की विस्तृत व्याख्या बताई। तत्पश्चात राजा प्रथ,राजा रहूगण एव जङभरत संवाद, अजामिल उपाख्यान,ध्रुव की भक्ति कथा, पुरंजन उपाख्यान,प्रियव्रत उत्तानपाद,अनेको प्रसंग बतलाए। बालसंत ने कहा कि जीवन जीने की अद्भुत कला सिखलाने वाला दिव्य शास्त्र हे श्रीमद्भागवत। वेद पुराणो का शिरमोर ग्रंथ हे श्रीमद्भागवत। समस्त लोकों को पवित्र कर मोह माया बंधन से मुक्ती दिलाने वाला अनुपम ग्रंथ है श्रीमद्भागवत कथा।