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देशनोक.बीकानेर. इस बार शारदीय नवरात्र मेले के दौरान प्रसिद्ध देशनोक मंदिर में करणी माता का दरबार 24 घंटे खुला रहेगा। खाटूश्यामजी में भगदड़ की घटना से सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन पहली बार यह बदलाव कर रहा है। नवरात्र में 26 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक मंदिर के कपाट 24 घंटे खुला रखने का निर्णय श्री करणी मंदिर निजी प्रन्यास देशनोक, स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस ने संयुक्त रूप से लिया है। मंदिर प्रन्यास एवं पुलिस प्रशासन मेले की सुरक्षा को लेकर अभी से सतर्क हो गए हैं।

प्रन्यास अध्यक्ष बादलसिंह चारण ने बताया कि देशनोक करणी माता का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। मेले के मद्देनजर इस बार मां का दरबार 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। प्रन्यास पदाधिकारियों, स्थानीय पुलिस-प्रशासन एवं देशनोक के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। अब इस निर्णय को अंतिम रूप से प्रभावी करने के लिए आगामी बैठक जिला कलक्टर व एडीएम के साथ होगी। पुलिस प्रशासन के साथ हुई मीटिंग में प्रन्यास अध्यक्ष बादलसिंह, उपाध्यक्ष सीतादान, सचिव वासुदेव चारण, गिरिराजसिंह, आसुदान, अशोक देपावत, सुरेन्द्र देपावत, नवरतन चारण के अलावा देशनोक थानाधिकारी संजयसिंह राठौड़ मौजूद थे।

इस बार अमावस्या की रात को ही खोल दिए जाएंगे पट
ट्रस्ट अध्यक्ष ने बताया कि नवरात्र के एक दिन पूर्व अमावस्या की रात को भीड़ ज्यादा होती है। प्रतिवर्ष नवरात्र में मंदिर का मुख्य द्वार सुबह 4 बजे खुलता है। इस बार मंदिर के पट अमावस्या की रात को ही खोल दिए जाएंगे। मंदिर में विशेष रुप से चैत्र नवरात्र, आसोज नवरात्र, कार्तिक पक्ष की चतुर्दशी (ओरण परिक्रमा की रात) तथा एक जनवरी को भक्तों की भीड़ रहती है। विशेष तौर पर आसोज शुक्ल पक्ष की सप्तमी ( करणी माता के जन्मदिवस) पर भीड़ ज्यादा रहती है।

जिगजैग कतार, पार्किंग होगी दूर
देशनोक एसएचओ संजय सिंह राठौड़ के मुताबिक पुलिस प्रशासन सुरक्षा के लिहाज से मंदिर परिसर के आसपास बेरिकेडिंग करेगा। पर्किंग स्थल दूर चयनित किए जाएंगे। मंदिर परिसर की 200 मीटर की परि​धि में वाहनों को लाने-ले-जाने की अनुमति नहीं होगी। बड़े वाहन बस, कार, जीप व तिपहिया वाहनों की पार्किंग मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर की जाएगी। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिगजैग लाइनिंग की व्यवस्था की जाएगी।

वीआइपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं
अध्यक्ष बादल सिंह ने बताया कि मां के दरबार में सब एक समान है। कोई छोटा व बड़ा नहीं है। इसलिए यहां वीआइपी दर्शन जैसी कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही भविष्य में होगी। पुलिस प्रशासन के अलावा प्रन्यास के खुद के 400 से अधिक सेवादार मेले के दौरान सेवा व सुरक्षा में तैनात रहते हैं। जो मंदिर की साफ-सफाई, सुरक्षा, दर्शन के अलावा अन्य सभी व्यवस्थाओं को संभालते हैं।

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