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बीकानेर,शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य की डीपीसी नहीं होने से जहां स्कूलों में हजारों की संख्या में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं, वहीं दूसरी और डीपीसी कराने की मांग को लेकर अब उप प्रधानाचार्य ने जयपुर पैदल कूच कर दिया है. मंगलवार को बीकानेर से बड़ी तादाद में शिक्षा विभाग के अधिकारी जयपुर पैदल कूच के लिए रवाना हुए.

करीब एक साल से लंबित प्रधानाचार्य डीपीसी को लेकर 12 जनवरी से शिक्षा निदेशालय के आगे शांतिपूर्ण धरना दे रहे उप प्रधानाचार्यों ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा घेराव की चेतावनी के साथ ही बीकानेर से जयपुर पैदल कूच कर दिया. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण गोदारा ने बताया कि प्रधानाचार्य डीपीसी पिछले 10 महीने से लंबित है. इसके लिए संघ की ओर से 35 दिन से निदेशालय के आगे शांतिपूर्ण धरना दिया जा रहा था. बार-बार मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक बात पहुंचाई गई, लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई.

उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री भी कहते हैं कि हर कर्मचारी को डीपीसी का लाभ मिलना चाहिए और यह उसका हक है. लेकिन हमारे साथ यह अन्याय किया जा रहा है. उप प्रधानाचार्य का पद नवसृजित होने से अनुभव छूट के लिए फाइल निदेशालय द्वारा शासन को 20 जनवरी, 2023 को ही भिजवाई जा चुकी है. लेकिन सरकार ने उप-प्रधानाचार्य पद की अधिसूचना में ही शिथिलन का प्रावधान किया हुआ है. फिर भी पत्रावली को इतने समय तक शासन स्तर पर लंबित किया हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में एक वर्ष के अनुभव शिथिलन की घोषणा की हुई है.

गोदारा ने कहा कि आज हमने पैदल जयपुर कूच शुरू किया है. विधानसभा का घेराव करेंगे और जरूरत पड़ी तो जयपुर में आमरण अनशन भी करेंगे. लेकिन डीपीसी हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे. दरअसल शिक्षा विभाग में डीपीसी नहीं होने के चलते प्रिंसिपल के हजारों पद रिक्त हैं. ऐसे में वाइस प्रिंसिपल लगातार डीपीसी की मांग कर रहे हैं. लेकिन सुनवाई नहीं होने पर आखिरकार उन्होंने पैदल उसका निर्णय किया है.

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