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बीकानेर,राजस्थान में अशोक गहलोत और बी डी कल्ला की अनीतियों के कारण कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है, ये बात सभी जानते हैं। लोग ये भी जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की मेहरबानी से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित सीएम पद के सभी वरिष्ठ दावेदारों को दरकिनार करके भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया है। एक प्रकार से राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ सरासर अन्याय हुआ है। इस कारण से ही भाजपा को लोकसभा की 11 सीट खोनी पड़ी है। अब रही सही कसर दुष्यंत सिंह को केंद्र में मंत्री पद से वंचित करने से पूरी हो गई है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि दुष्यंत सिंह को मंत्री पद से वंचित करके पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की राजनीति में लगी आग में घी डालने का काम किया है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में भजनलाल सरकार हिलने वाली है, हिलकर गिर जाए तो भी कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों में भारी रोष व्याप्त है। वे बदलाव चाहते हैं। माना जा रहा है कि अभी राजस्थान में सत्ता की चिंगारी सुलगने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। आज के दिन तो राजे के समर्थकों के धैर्य की परीक्षा की घड़ी चल रही है। क्योंकि राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद में सभी को उम्मीद थी कि दुष्यंत सिंह को केंद्र में मंत्री जरूर बनाया जाएगा, लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया है। कुल मिलाकर यह राजस्थान में भजनलाल सरकार पर भारी पड़ने वाली बात है। अधिकांश नेता अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन धीरे-धीरे आग सुलग रही है। ये कब विकराल रूप धारण कर ले, कहा नहीं जा सकता। माना जा रहा है कि वैसे भी भजनलाल शर्मा सीएम पद पर खरे नहीं उतरे हैं। उन्होंने सत्ता में आते ही मोदी की अनदेखी शुरू कर दी है। भजनलाल शर्मा भी तो जानते हैं कि इस बार पीएम नरेंद्र मोदी काफी कमजोर हो चुके हैं। इस कारण कोई बड़ा फैसला आसानी से नहीं ले सकेंगे।

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