बीकानेर जिले में एक मच्छर (डेंगू) काबू नहीं आ रहा है। मच्छर के डंक से हर रोज लोग घायल हो रहे हैं। सरकारी हो या निजी अस्पतालों में बुखार पीड़ितों की भीड़ कम नहीं हो रही। स्वास्थ्य विभाग भी परेशान है। शहरी लोगों पर डेंगू भारी पड़ रहा है। अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो डेंगू के कुल मरीजों में से 55 फीसदी से अधिक केवल बीकानेर शहरी क्षेत्र से रिपोर्ट हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में 756 रोगी रिपोर्ट हुए और एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। वर्ष 2020 में केवल 104 मरीज रिपोर्ट हुए और किसी मरीज की जान नहीं गई जबकि इस साल नवंबर माह तक 758 रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं और डेंगू तीन मरीजों की जान ले चुका है। इस साल अप्रैल-मई तक मरीज न के बराबर थे। अक्टूबर से डेंगू के मरीज बढ़ने शुरू हुए। अक्टूबर में 326 मरीज सामने आए। नवंबर माह में अब तक 207 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। शहर की मुक्ताप्रसाद कॉलोनी में स्वास्थ्य विभाग जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। कॉलोनी में डेंगू के मरीज लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं।
20 नए मरीज रिपोर्ट
शनिवार को 252 मरीजों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट रविवार को आई। इसमें 20 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। पीबीएम अस्पताल में वर्तमान में मेडिसिन वार्डों, एमसीएच विंग, डी वार्ड में 467 भर्ती हैं जो डेंगू और प्लेटलेट्स कम से ग्रसित हैं।
भयभीत हो रहे लोग
डेंगू और प्लेटलेट्स कम होने से आमजन की हालत खराब है। स्थिति यह है लोग बुखार से भयभीत होने लगे हैं। अगर घर में किसी सदस्य को बुखार हो गया तो सभी चिंतित हो जाते हैं। चिकित्सक को दिखाने से पहले ही सीबीसी जांच कराकर साथ ही ले जाते हैं। बिना चिकित्सक की सलाह के डेंगू जांच निजी लैबों से करवा रहे हैं। प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में एलोपैथी के साथ-साथ होम्योपैथी व आयुर्वेद की दवाएं भी ले रहे हैं।
डेंगू नियंत्रण में
जड़ेंगू पहले से अब नियंत्रण में है। हालांकि बुखार पीड़ित अब भी आ रहे मच्छरों का प्रभाव होने लगा है। भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य में भी अब दो-तीन दिन में सुधार हो रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।
डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, अतिरिक्त प्राचार्य, एसपी मेडिकल कॉलेज