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बीकानेर। जिले में डेंगू का डंक अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में डेंगू पीडि़तों का हुजूम उमड़ रहा है। अगर किसी मरीज को मौसमी बुखार है फिर भी चिकित्सक उस मरीज डेंगू की जांच प्राथमिकता से कराने की सलाह दे रहे हैं। अगर जांच में डेंगू रिपोर्ट हो गया है तो ठीक अन्यथा इलाज तो डेंगू मानकर ही किया जा रहा है। डेंगू की दो प्रकार की जांच होती है। एक एलाइजा और दूसरी एनएस-1, लेकिन चिकित्सक एनएस-1 को ही डेंगू मान रहे हैं। जबकि सरकार एलाइजा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डेंगू मानती है। जबकि बुखार पीडि़त को इन जांचों की सही जानकारी भी नहीं है। वे तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही अपना इलाज करवा रहे हैं।

हकीकत के साथ बयां व्यथा
एक सरकारी चिकित्सक ने इन दिनों अस्पतालों में बढ़ रही डेंगू, बुखार पीडि़त व प्लेटलेट्स कम के मरीजों की भीड़ पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बुखार पीडि़तों में सिर दर्द, कमर दर्द, पैरों की पिण्डलियों में दर्द, चक्कर आना, कमजोरी आदि डेंगू के लक्षण आ रहे हैं। इन मरीजों कि एनएस-1 रिपोर्ट पॉजिटव है। डेंगू है या नहीं कंफर्म करने के लिए एलाइजा रिपोर्ट कराई जा रही है लेकिन एलाइजा में डेंगू पॉजिटिव नहीं आ रहा। सरकार की गाइडलाइन एलाइजा को मान्यता देती है। ऐसे में चिकित्सक एनएस-1 पॉजिटिव रिपोर्ट होने के बावजूद डेंगू घोषित नहीं कर सकते। मरीजों का इलाज चिकित्सक के लिए सर्वोपरि है।

निजी लैबों में जांच के लिए कतार
पीबीएम, जिला अस्पताल, सरकारी डिस्पेंसरियों के अलावा निजी अस्पतालों और निजी लैबों में बुखार पीडि़तों की भीड़ उमड़ रही है। सबसे बड़ी बात है कि पीबीएम एवं जिला अस्पताल में जितनी बुखार पीडि़तों की डेंगू व एनएस-1 जांच हो रही है उससे चार गुना निजी लैबों में हो रही है। शहर की बड़ी विश्वसनीय लैबों में जांच कराने की हौड़ मची है। निजी लैबों में रोज १०० से १५० मरीज डेंगू की जांच करा रहे हैं।

जांच फीस व समय ज्यादा

पीबीएम व जिला अस्पताल में जांच को लेकर समय निर्धारित होने से आमजन परेशान है। निजी लैबों में जांच कराने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग रही है। यहां समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है। सीबीसी जांच के बाजार में १०० से १५० रुपए, डेंगू जांच के १००० से ११०० रुपए वसूले जा रहे हैं।
२३ नए मरीज रिपोर्ट, अब तक

सोमवार को ३५९ मरीजों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें से २३ में डेंगू की पुष्टि हुई। इन नए मरीजों के साथ ही जिले मेंं डेंगू मरीजों का आंकड़ा ७४३ पहुंच गया है। अब पिछले साल के डेंगू मरीजों की संख्या से महज १३ मरीज कम है। इस बार पिछले साल की तुलना में अधिक मरीज आ रहे हैं। वहीं सरकारी चिकित्सकों की मानें तो डेंगू एलाइजा पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं हो लेकिन एनएस-1 पॉजिटिव है। प्लेटलेट्स कम होने से मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं। वर्तमान में पीबीएम अस्पताल में ५१३ मरीज बुखार, डेंगू व प्लेटलेटï्स कम की शिकायत को लेकर भर्ती हैं।

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