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भीलवाड़ा। कोरोना महामारी के बाद अब शहर में डेंगू खतरनाक रूप लेता जा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। अस्पतालों में आउटडोर में भीड़ उमड़ रही हैए तो वहीं वार्डों में पलंग भरे पड़े हैं। चिकित्सकों की मानें तो हर घर में तीसरा व्यक्ति बुखार और डेंगू से पीडि़त है। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले एक पखवाड़े में डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में मरीजों के लिए ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ रही है। शहर के तीनों ब्लड बैंक में पिछले एक पखवाड़े में 658 यूनिट प्लेटलेट्स मरीजों को दिए गए। वहीं पिछले दो माह के दौरान शहर के प्रमुख अस्पतालों में डेंगू के 1140 मरीज भर्ती हुए। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक डेंगू से जिले में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई।

रक्तस्त्राव चिंताजनक
डेंगू में रक्तस्त्राव चिंताजनक है। यदि मरीज के शरीर के किसी भी अंग में ब्लीडिंग नहीं हो रही तो 10 हजार से कम होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती हैए लेकिन 50 से 60 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर भी परिजन रोगी को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जिद करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि भीलवाड़ा में सभी ब्लडबैंकों में प्लेटलेट्स आसानी से उपलब्ध हो जाता हैए इसलिए मरीज या परिजनों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं।

वायरस की ताकत बढ़ी
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. हरीश मारू के अनुसार यूं तो पिछले दो माह से शहर में डेंगू का प्रकोप हैए लेकिन इन दिनों वायरस की ताकत बढ़ी है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आ रहे हैंए जिनके प्लेटलेट्स बहुत कम हैं। पहले 60 से 70 हजार प्लेटलेट्स आने के बाद मरीज नार्मल होने लगता था। अबकि बार कई मरीजों का प्लेटलेट्स गिरकर 5 से 10 हजार के बीच रह गया। ऐसे में इन मरीजों को 6 से 10 यूनिट तक प्लेटलेट्स चढ़ानी पड़ी।

घबराने की जरूरत नहीं
भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार डेंगू के मरीज ज्यादा हैं, लेकिन राहत की बात है कि इससे मौतें अभी तक नहीं हुई हैं। अस्पताल में एलाइजा टेस्ट की सुविधा है। बच्चों और बड़ों के लिए 30.30 बेड के विशेष वार्ड बना रखे हैं।

पांच से दस हजार तक प्लेटलेट्स

शहर के प्रमुख चिकित्सकों से बात में सामने आया कि इस बार डेंगू खतरनाक फैला है। अस्पताल आए बुखार पीडि़तों में अधिकांश के डेंगू मिला। मलेरिया के मरीज कम हैं। शुरूा में डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स में गिरावट कम मिल रही थी। 70 से 80 हजार तक प्लेटलेट्स आने के बाद मरीज वापस रिकवर और नार्मल हो जाता थाए लेकिन एक पखवाड़े में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आएए जिनके प्लेटलेट्स काफी कम थे। कई मरीजों में तो यह 5 से 10 हजार के बीच रह गया। इनको प्लेटलेट्स चढ़ाना पढ़ा।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
.घर में यदि किसी को बुखार आ रहा है तो उसे तत्काल चिकित्सक को दिखाएं।
.जरूरी होने पर डेंगू की जांच कराएं।
.हर 48 घंटे में प्लेटलेट्स की जांच कराएं।
.यदि 60 हजार से कम प्लेटलेट्स रहती है तो चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराएं।
.यदि दस्तए उल्टीए खांसी में खून आ रहा है तो तत्काल चिकित्सक के पास जाएं।
घर और आसपास सफ ाई का पूरा ध्यान रखें।

20 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक प्लेटलेट्स दिए
एमजीएच ब्लड बैंक. 130 यूनिट
रामस्नेही ब्लड बैंक. 268 यूनिट
अरिहन्त ब्लड बैंक. 260 यूनिट

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