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बीकानेर डेंगू अब खतरनाक मोड़ ले रहा है। लोगों की जान पर बनी है। नतीजन हर दिन मरीजों की जान जा रही है। हालांकि मरने वालों की रिपोर्ट एलाइजा पॉजिटिव नहीं है लेकिन एनएस-1 पॉजिटिव रही। मरीजों की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं चौपट है। विडम्बना है कि सरकार एलाइजा की रिपोर्ट में पॉजिटिव मानती है जबकि एनएस 1 पॉजिटिव सैकड़ों मरीज है। मरने वालों में सर्वाधिक संख्या एनएस-1 पॉजिटिव रोगियों की है।

लोगों में डर

इस बार बुखार को लेकर लोग बेहद डरे हुए हैं। बुखार का डर और चिकित्सकों का संदेह आमजन पर भारी पड़ रहा है बुखार है लेकिन जांच में डेंगू रिपोर्ट नहीं हो रहा प्लेट्स कम हो रही है प्लेट्स के गिरने की गति भी काफी तेज है सुबह किसी मरीज की प्ले डेढ़ लाख
प्लेटलेट्स डेढ़ लाख काउंट हुई तो शाम को 40 से 50 हजार आ गई आरडीपी चढ़ाने व दवा लगने के बावजूद प्लेटलेट्स गिर कर 10 से 15000 पहुंच रही है इससे लोग
घबरा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि डेंगू हर साल होता है लेकिन इस बार खतरनाक है। कई तो यह आशंका जता रहे हैं कि कहीं यह कोरोना की तीसरी लहर तो नहीं

प्लेटलेट्स कम होने पर भी मौत

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में डेंगू के तीन मरीजों की मौत हुई है जबकि प्लेटलेट्स कम होने से पीड़ित 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं।

डॉ.परमेन्द्र सिरोही,अधीक्षक पीबीएम अस्पताल का कहना है की
पीबीएम में कई मरीज गंभीर हालत में पहुंचते हैं जो सीधे ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर चले जाते हैं। चिकित्सक उन्हें बचाने का पूरा प्रयास करते हैं। डेंगू व प्लेटलेट्स कम के मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरत रहे। अस्पताल में ओपीडी से लेकर वार्ड व आइसीयू तक में • इलाज की उचित व्यवस्था की गई है। वरिष्ठ चिकित्सक मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

960 की हुई मौत

पीबीएम अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक मेडिसन वार्डों व आइसीयू में पिछले तीन महीने में 960 लोगों का दम टूट गया। अगस्त में 322 सितंबर में 297 एवं अक्टूबर माह में 341 भर्ती मरीजों की मौत हुई। सूत्र के मुताबिक मरने वाले गंभीर बीमारियों से लंबे समय से पीड़ित थे लेकिन सितंबर अक्टूबर में बुखार
व प्लेटलेट्सम कम होने से गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद दम तोड़ने वालों की संख्या भी 10 से अधिक हैं। रविवार को पीबीएम के डी वार्ड में नोखा क्षेत्र की एक युवती की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लाया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस युवती की भी प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत थी।

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