
बीकानेर,एडीएम सिटी श्री रमेश देव ने आमजन से अपील की है कि वे बारिश के दौरान अपने घर के आसपास विभिन्न जगहों पर इकट्ठा हुए साफ पानी को खाली करें। ताकि डेंगू जैसी बीमारियों पर समय रहते काबू पाया जा सके। उन्होने कहा कि डेंगू की रोकथाम को लेकर चिकित्सा विभाग अकेला कुछ नहीं कर सकता। आमजन को भी जागरूक रहने और प्रशासन का सहयोग करने की आवश्यकता है। बारिश के दौरान कूलर में जमा हुए पानी, फ्रिज की ट्रे, छत के ऊपर रखे हुए पाळसिए इत्यादि को खाली करें और धूप में उन्हें 4-5 घंटे सूखने देें।
एडीएम सिटी देव सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में चिकित्सा विभाग से आए डॉ रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बारिश के दौरान और बारिश के बाद डेंगू और मलेरिया के रोगियों की संख्या बढ़ सकती है। लिहाजा आमजन को जागरूक करने की जरूरत है।
गीली मिट्टी में 2 साल तक जिंदा रह सकते है डेंगू के अंडे
डॉ गुप्ता ने बताया कि डेंगू के अंडे गीली मिट्टी में 2 साल तक जिंदा रह सकते हैं। लिहाजा घरों के अंदर रखे हुए गमलों को भी धूप में रख कर अच्छे से सूखने दें। एक दिन बाद उसमें पानी दें। डॉ गुप्ता ने बताया कि पिछले साल जिले में डेंगू के केस 221 आए थे। इस साल अब तक 50 केस दर्ज हुए हैं।
डेंगू की रोकथाम को लेकर ड्राई-डे मनाने का चलन
डॉ गुप्ता ने बताया कि डेंगू की रोकथाम को लेकर ड्राई-डे मनाने का चलन बढ़ा है। शनिवार या रविवार के दिन आधे से एक घंटे तक अपने घर के आप पास विभिन्न जगहों पर इकट्ठा हुए पानी को हटाया जाता है। उन्होने बताया कि कूलर के पानी, फ्रिज की ट्रे या पाळसिए को खाली करें तो उसके पानी को नाली में ना जाने दें। अगर इस पानी में डेंगू के अंडे हुए तो नाली में जाकर वे फिर से पनप सकते हैं। लिहाजा पानी को धूप लगने वाली जगह पर खाली करें।
अतिरिक्त प्राचार्य डॉ रेखा आचार्य ने बताया कि डेंगू के अंडे पक्षियों के पानी पीने के लिए रखे गए पाळसिए में जमी काई के नीचे भी बड़ी संख्या में देखने को मिलते हैं। लिहाजा पाळसिए को खाली कर काई उतार कर उसे धूप लगाएं। बैठक में डॉ शिव शंकर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।