
बीकानेर में भाजपा के प्रदेश प्रभारी औऱ राष्ट्रीय महा सचिव अरुण सिंह के समक्ष पार्टी के ही लोगों ने अपनी ही पार्टी से बीकानेर के सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लक्ष्य करके जो छवि खराब की है – यह न तो राजनीति में लोकतंत्र को आगे बढ़ता है और न ही राजनीति की कोई स्वच्छ परम्परा कायम करता है। पैसे के बल पर राजनीति में विकृतियों को बढ़वा देने का दुष्कृत्य मात्र है। इसके पीछे भी राजनीति करने वाले लोगों के निहितार्थ है। इस बात को बीकानेर के लोग बहुत ही बारीकी से समझते हैं। बीकानेर में राजनीति करने वाले लोगों के राजनीतिक जीवन का विश्लेषण करें तो कमियां औऱ अच्छाइयां की अपनी अपनी दृष्टि से फेहरिस्त बनाई जा सकती है। अर्जुन राम के विरोधी चाहे तो कमियों की सूची बना सकते हैं, परन्तु अर्जुन राम मेघवाल सांसद की भूमिका बखूबी औऱ बेहतरीन ढंग से निभा रहे हैं। भारतीय लोकतंत्र में इनकी भूमिका की आलोचना नहीं कि जा सकती। वे बीकानेर के हितों की केंद्र में आवाज बनते हैं। क्षेत्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करते हैं। जन जीवन की दिक्कतों को महसूस कर सकते हैं। ठेठ धरती से जुड़े हुए हैं। उनकी जगह कोई देवता आ सकता है क्या ? जिसमें कोई कमी नहीं हो या सर्वग्राही हो। कभी नहीं हो सकता नया आदमी भी सबके अहंकार को संतुष्ट नहीं कर सकता। भाजपा में ही मेघवाल की राजनीतिक कब्र खोदने वाले अपनी ही पार्टी के लोगों की भी राजनीतिक महत्वकांक्षा का विश्लेषण करें ले। बहुत ही निराशा होगी। पूरा विरोध मेघवाल को लक्ष्य करके किया गया। ये लोग न तो भाजपा का भला कर सकते हैं और न लोकतंत्र और राजनीति का भला चाहते हैं। लोकतंत्र और राजनीति में विकृतियां ही पैदा कर रहे हैं।