
बीकानेर,जयपुर,शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान का हर बच्चा पढ़े। शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी मिलें। इसमें परिवार और विद्यालय दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों में किताबों के साथ नैतिक मूल्यों, अनुशासन, आचरण और व्यवहारिक ज्ञान एवं माननीय मूल्यों का समावेश हो, इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से राज्य सरकार शैक्षणिक व्यवस्था को और मजबूत बना रही है।
मदन दिलावर मंगलवार को विधान सभा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग (मांग संख्या-20) एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग (मांग संख्या-21) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग की 218 अरब 82 करोड़ 20 लाख 69 हजार रूपये एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की 288 अरब 30 करोड़ 94 लाख 49 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक सरकार से सम्मान और प्रमोशन की अपेक्षा भी रखते है। इसीलिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सभी संवर्गों की डीसीपी कराई जा रही हैं। आगे अप्रैल माह से ही विभिन्न संवर्गों की डीपीसी कराकर विद्यालयों में सभी पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा। थर्ड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी भी जल्द कराएंगे। साथ ही, गत सरकार में की गई पदोन्नतियों में सामने आई अनियमितताओं की जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएंगी।
शिक्षा मंत्री ने चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारियों से आग्रह किया कि शिक्षक की बीएलओ ड्यूटी मुख्यालय स्तर पर ही लगाई जाए, ताकि वे विद्यालय में अध्यापन व्यवस्था की सुव्यस्थित कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सभी स्कूलों को क्रमोन्नत करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही, सभी शौचालय से शेष विद्यालयों में इसी वित्तीय वर्ष में निर्माण करा दिए जाएंगे।
री-चैकिंग और पेपर बनाने में नवाचार
दिलावर ने कहा कि अब परीक्षाओं में री-टोटलिंग के साथ री-चैकिंग का नवाचार भी किया जा रहा है। अभी पायलट प्रोजेक्ट चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं के पेपर भी खंडवार अब अलग-अलग विशेषज्ञों से बनवाए जाएंगे। इससे पेपरआउट और नकल माफिया पर अंकुश लगेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की नई रोशनी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक शिक्षा में मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने के लिए बताया गया है। इसके लिए शब्दकोश तैयार कर लिया गया है। हम इसी नीति अनुसार पुस्तकें तैयार कर रहे हैं। दिलावर ने बताया कि राइजिंग राजस्थान में 14 हजार 500 करोड़ रूपए के 250 से अधिक एमओयू किए गए, उन्हें धरातल पर लाएंगे। इससे प्रदेश की शिक्षा स्तर में सुधार आएगा। साथ ही, निजी विद्यालयों की मान्यता की पत्रावलियों को तय समय में निस्तारण किया जाएगा। विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं छोड़े, इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार जुलाई में ही सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित की गई।
मिड-डे मील में हुई अनियमितताओं की होगी जांच
श्री दिलावर ने कहा कि गत सरकार ने महामारी के दौरान मिड-डे मील में खाना पकाने की लागत के बराबर सामग्री वितरित करने का निर्णय लिया। उस दौरान वित्त विभाग ने अभिभावकों के खातों में भुगतान कराने के लिए कहा था, लेकिन विभाग ने सामग्री ही वितरित करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि गत सरकार में 59 लाख 81 हजार विद्यार्थियों की संख्या होने के बावजूद 66 लाख 22 हजार विद्यार्थियों को ऐसे समय सामग्री वितरित होना बताया, जबकि कोविड के कारण कोई बाहर तक नहीं निकल रहा था। इसमें सामग्री खरीद टेंडर में भी गड़बड़ियां हुई हैं। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार 1 हजार 705 करोड़ रूपए का घोटाला बताया है। उस समय जांच कराई गई, लेकिन अब हमारी सरकार उस समय की जांच को निरस्त करते हुए नई टीम द्वारा निष्पक्ष जांच कराएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिलावर ने बताया कि मदरसा बोर्ड में यूनिफॉर्म वितरण में घोटाला हुआ है। हमारी सरकार सभी अनियमितताओं की जांच कराएगी।
बिना पेपरलीक कराई रीट परीक्षा
रीट परीक्षा सीएम के निर्देशन और निगरानी में 27-28 फरवरी, 2025 को हुई, जिसमें फरवरी 13 लाख 77 हजार ने परीक्षा दी। प्रदेश में अनैतिक गतिविधियों की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। गोपनीय तरीके से परीक्षा हुई। प्री डीएलएड परीक्षा-2024 भी कराई है।
विद्यालय बंद नहीं, बल्कि व्यवस्थाएं बेहतर बनाई हैं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने विद्यालयों को बंद नहीं किया, बल्कि बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था सुनिश्चित की है। प्रदेश में 369 विद्यालय में शून्य नामांकन, 81 विद्यालय एक ही परिसर अथवा 100 मीटर की परिधि में संचालित थे। सहशिक्षा के विद्यालय में बालक और बालिकाएं दोनों अध्ययनरत है और बालिका विद्यालय में भी बालिकाओं के साथ बालक भी अध्ययनरत थे। उन विद्यालयों के एक ही परिसर होने से दोनों विद्यालयों को पर्याप्त शिक्षक, संसाधन उपलब्ध होने के साथ-साथ बालिकाओं को सभी अतिरिक्त विषय और संकाय पढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे।
इच्छित स्थानों पर कार्यरत दिव्यांगजन
दिलावर ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग के दिव्यांग कार्मिकों के प्रति संवेदनशील है। विभाग में 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित और मूकबधिर अधिकांश कार्मिकों को उनके इच्छित स्थानों पर पदस्थापित कर दिया गया है। शेष बचे कार्मिकों को भी शीघ्र लगा दिया जाएगा। स्थानांतरण नीति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं। इसके बाद नीति लाई जाएगी। बलिका शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना लाई गई। इसमें जन्म पर एक लाख रूपए का संकल्प पत्र दिए जा रहे हैं। राजस्थान सरकार ने सभी संभागों पर बालिका सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की है, खोलेंगे भी।
घोषणाएं
शिक्षा मंत्री ने विभाग के सभी कार्मिकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के आईडी कार्ड बनाने के लिए घोषणा की। साथ ही एक ही श्रेणी के विद्यालयों का एक ही तरीके से रंग-रोगन कराए जाने के लिए भी सदन में घोषणा की।