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बीकानेर,सोशल मीडिया पर कई तरह की पोस्ट वायरल हो रही है जिनमे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग में से क्रीमीलेयर को बाहर करने एवं इस वर्ग का उपवर्गीकरण करने का जो निर्णय दिया गया है, उसके विरोध में यह भारत बन्द का आह्वान किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के व्यक्तियों और संगठनों द्वारा इस बंद के विरोध में भी पोस्ट वायरल हो रही है।

सभी व्यापारिक संगठनों और औ‌द्योगिक संगठनों ने यह सुविचारित निर्णय लिया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय दवारा दिया गया निर्णय पूरी तरह संवैधानिक है, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के वंचित पिछड़ों के हक में है। आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ वंचितों दलितों और वंचित जातियों के लोगो तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अत सभी व्यापारिक ए औ‌द्योगिक संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग में शामिल क्रिमिलेयर लोगों और संपन्न जालियों दद्वारा बुलाए गए इस अविधिक भारत बन्द का विरोध किया जाए।

आपसे प्रार्थना है कि-

1. आगामी 21 अगस्त 2024 को सभी व्यापारिक और औ‌द्योगिक प्रतिष्ठानों को सपूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे।

2 यदि कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों या उ‌द्योगों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसकी भरपाई बन्द का आह्वान करने वाले नेताओं और संगठनों से की जावे और हिसक गतिविधियां करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्यवाही की जावे। किसी भी सूरत में इनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस नहीं लिए जावे।

3. यदि कुछ सपन्न अनुसूचित जातियों/जनजातीयों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में व्यवसाईयों ‌द्वारा दबाव और भय के कारण अपने प्रतिष्ठान और उ‌द्योगों को बंद रखा जाता है तो एक दिन के हुए नुकसान की भरपाई इस अविधिक बद के आयोजक व्यक्तियों, नेताओ और संगठनों से वसूल की जावे।

८ कृपया यह भी सुनिश्चित करे कि बन्द के दौरान व्यापक स्तर पर पुलिस / प्रशासन ‌द्वारा वीडियोग्राफी भी करवाई जाए ताकि

अपराधियों और हिंसक तत्वों की पहचान सुगमता से हो सके। आशा है आप हमारी चिताओं पर ध्यान देते हुए तत्काल आवश्यक कार्यवाही एवं सुरक्षा प्रबंध करने का अनुग्रह करेंगे।

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