बीकानेर,राजसमंद, राजसमंद भूमि विकास बैंक बचाओ संघर्ष समिति ने भूमि विकास बैंक राजसमंद में काश्तकरो के नाम पर लगाए गए समस्त बिलों की जांच करने की मांग एसी .बी. जयपुर से की है। समिति के सरक्षक दिनेश सनाढ्य, अध्यक्ष मोतीलाल पालीवाल व मंत्री नाथूलाल नन्दवाना ने बताया कि भूमि विकास बैंक के मार्फत जिन काश्तकारों के फर्जी ऋण हुए हैं उनमें दलालों ने एक दर्जन से अधिक फर्जी फर्म बनाकर बैंक में बिल प्रस्तुत किये, जिनका वाणिज्य कर विभाग में किसी तरह का टैक्स जमा नही कराया गया एवं इन फर्मो के पास क्रय बिल भी नहीं थे। जानकारी के अनुसार श्रीनाथ इलेक्ट्रिकल्स नाथद्वारा, लकी ट्रेडर्स जहाजपुर भीलवाड़ा, वर्धमान ट्रेडर्स नाथद्वारा एक दर्जन फर्म के नाम पर सन2010से 2020 के दौरान बिल प्रस्तुत करके भुगतान उठा लिया जबकि इन फर्मा ने बिक्री कर संबंधित विभाग मे जमा नहीं कराकर लाखों रुपए की टैक्स चोरी का भी मामला सामने आया है। समिति के अध्यक्ष मोतीलाल पालीवाल ने बताया कि जिन काश्तकारो के फर्जी ऋण उठे हैं उनके बिल भी बैंक में कार्यरत कार्मिक एवं दलालों ने अपने स्तर पर बनवाकर भूमि विकास बैंक में प्रस्तुत करके भुगतान उठा लिया। उन्होंने बताया कि एक ही जमीन पर तीन से चार बार ऋण उठाने के दौरान इन फार्मो के ही कोटेशन एवं बिल बैंक में लगाया गये। इन फर्मो का वाणिज्यकर विभाग से रजिस्टर्ड होते हुए भी क्रय- बिक्री की मासिक-वाषिर्क विवरीनीका भी
संबंधित विभाग को प्रस्तुत नही करते थे। मंत्री नाथूलाल नंदवाना ने एसीबी जयपुर से मांग की है कि बैंक में हुए तमाम फर्जी ऋण मामलों की जांच करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पीड़ित काश्तकारो ने राजसमंद न्यायालय मे दो वर्ष पूर्व एक परिवाद प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालय ने पुलिस थाना राजनगर को परिवाद भेज कर मामले को दर्ज करने का आदेश दिया मगर अब तक पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है जिससे फर्जी ऋण उठाने वाले पीड़ित काश्तकारो पर दबाव बनाते है। बैंक बचाओ समिति के संरक्षक दिनेश सनाढय ने बैंक से संबंधित सभी फर्जीवाड़ों की जांच एवं निगरानी ऐसीबी द्वारा करने की मांग करते हुए बताया कि पुलिस थाना राजनगर, सहकारिता विभाग राजस्थान, न्यायपालिका आदि में बैंक से संबंधित विभिन्न मामलों की अलग-अलग जांच हो रही है मगर फर्जी ऋण जिन काश्तकारों के नाम पर उठे हैं ,उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है ।उन्होंने संपूर्ण बैंक के फर्जीवाडो मामलों की जांच एसीबी के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा करवाने की मांग की है।