बीकानेर,देश में 31.से 17 तक मनाये जाने वाले पर्युषण/दशलक्षण पर्व के अवसर पर भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश सी.ए. 2005 की संख्या 5469, हिंसा विरोधी संघ बनाम मिर्ज़ापुर मोतिल कुरेश रेफरी जमात एवं अन्य दिनाक 14.03.2008 ।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है और यह जानवरों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ पांच स्वतंत्रताओं को सुनिश्चित करने के लिए एक शीर्ष निकाय है जन्हा जानवरों की रक्षा की जाती है और किसी भी जानवर को अनावश्यक दर्द या पीड़ा नहीं हों। इसके अलावा AWBI सरकार या स्थानीय निकाय या किसी अन्य व्यक्ति को बूचड़खानों के रखरखाव या जानवरों के वध के संबंध में सलाह देता है।
इस संबंध में,भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 14.03.2008 द्वारा सी.ए. 2005 की संख्या 5469, हिंसा विरोधक संघ बनाम मिर्ज़ापुर मोती कुरेश जमात और अन्य ने निर्देश जारी किए कि अहमदाबाद नगर निगम की अधिसूचना के मद्देनजर, पर्यूषण पर्व के लिए बूचड़खाने और मांस की दुकानें बंद रहेंगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि “किसी व्यापार या व्यवसाय को सीमित अवधि के लिए बंद करना कोई अनुचित प्रतिबंध नहीं है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन नहीं है”। भारत सरकार ने रोकथाम अधिनियम बनाया है।
भारत ने भी अपने दिनांकित निर्णय में पशुओं की पाँच स्वतंत्रताओं पर विचार किया है।
पशुओं का वध केवल लाइसेंसशुदा बूचड़खानों में ही किया जाएगा।
राज्य प्राधिकारियों को इसके विरुद्ध उचित कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।
जानवरों के साथ क्रूरता करने वाले अपराधियों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए।
बोर्ड माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कार्य हेतु अधिसूचना जारी करता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 7.5.2014 को अनावश्यक दर्द या पीड़ा को रोकने के लिए मामले में आवश्यक कार्रवाई करवाने के लिए आपसे यह अनुरोध किया जाता है कि नगर निगम/स्थानीय निकाय,पंचायत समिति स्तर पर किसी विशेष धर्म की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर के अवैध बूचड़ खाने बंद करवाने व बूचड़खानों में जानवरों के वध को रूकवाने की महती कृपा करावे ।