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बीकानेर,आज भारतीय जन स्वाभिमान मंच राजस्थान, सनातन धर्म प्रचारणी सभा राजस्थान, राजस्थान राज्य गोशाला संघ, मां भारती सेवा प्रन्यास वह आर्य प्रतिनिधि सभा के कार्यकर्ताओं ने माननीय राष्ट्रपति महोदय भारत, व माननीय प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार को ज्ञापन प्रेषित कर निवेदन किया कि, सनातन धर्म की धुरी,प्रकाण्ड विद्वान,सनातन धर्म के प्रचारक, हमारी सनातन परंपरा के संवाहक, धर्म के प्रहरी,राष्ट्रीय संत, ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ एवं शारदापीठ द्वारका के पीठाधीश्वर महाभाग श्रीमज्जजगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन पर भारत सरकार को “तीन दिवस” का “”राष्ट्रीय शोक”” घोषित करना चाहिए और इस तीन दिवस में सरकार की समस्त भवनों पर स्थित भारत के “”राष्ट्रीय ध्वज”” को झुका कर सनातन धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष शीशपाल गिरी गोस्वामी ने कहा कि सरकार से हमारा निवेदन है सरकार इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सनातन के मान बिंदुओं की रक्षा करें और परम पूज्य गुरुदेव के सम्मान में राष्ट्रीय शोक घोषित करें।
सनातन धर्म प्रचारणी सभा के संयोजक प्रेम सिंह घुमान्दा ने कहा कि जब भारत सरकार भारत की गुलामी के प्रतीक इंग्लैंड की महारानी के देहांत पर राष्ट्रीय शोक घोषित कर सकती हैं, तो हमारे सनातन धर्म के प्रथम नागरिक के देवलोक गमन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं घोषित किया जा सकता है।

आर्य प्रतिनिधि सभा के विनोद आर्य ने कहा कि सरकार का सनातन धर्म के प्रति यह रुख सनातन धर्म प्रेमियों में निराशा स्थापित करता है, अपने आप को हिंदुत्ववादी, राष्ट्रवादी केहलाने वाली सरकार, यदि हिंदू धर्म के मान बिंदुओं का मान नहीं रखेगी तो फिर कौन रखेगा।
आज के इस प्रतिनिधिमंडल में सूरजमाल सिंह नीमराणा, अनूप सिंह गहलोत, महिपाल सिंह पुंदलसर, रामकुमार, दीपक कुमार, सरवन सिंह आदि ने भाग लिया

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