Trending Now












बीकानेर,जयपुर के समाजसेवी एवम अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने आज माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पत्र द्वारा साधुवाद दिया की वन्य जीव अभ्यारण (सेंचुरी) के लिए आपके प्रयास काफी सराहनीय है क्योंकि इससे वन जीव की सुरक्षा, संरक्षण एवम पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलता है ।

अपने पत्र के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय राज्य वन मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं राजस्थान सरकार के वन मंत्री सुखराम बिश्नोई एवम वन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया कि वन क्षेत्र में मासलपुर के गांवों को शामिल करने के संबंध में 23 मार्च 2021 को जारी राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक नंबर 1(71)बंध/ बारेठा/02 जारी की थी, जिसमे बंध-बारैठा के उत्तर-पूर्व मे सम्पूर्ण वन भूमि 27.855 कि.मी.को राज्य_सरकार ने बंध-बारैठा के दक्षिण-पश्चिम सीमा मे परिवर्तित कर दिया । इसमें ग्राम पंचायत स्तर पर आमजन की सहमति नही ली गई ना ही किसी भी सरपंच को सूचित किया गया राज्य सरकार ने इस प्रकार के आदेश जारी कर दिए जिससे लगभग काफी गांव विस्थापन की चपेट में आ गए हैं । इस आदेश के विरोध में कई बार मासलपुर क्षेत्र के लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कर जिला कलेक्टर करौली के माध्यम से आपको इस क्षेत्र में वन जीव अभ्यारण ना बनाने के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है । लेकिन आज तक भी कोई उचित सुनवाई नहीं हुई है। यहां के निवासियों ने बताया है कि इस एरिया में पैंथर दिखाई दिए गए हैं जिससे कई दर्जन पालतू पशु शिकार हो चुके हैं जान माल का खतरा हमेशा बना रहता है एवं आमजन में भय का माहौल व्याप्त एवं गांव के लोग अपने खेतों पर में जाने से कतरा ने लगे हैं जिससे मासलपुर क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है।

आगे समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने बताया कि मासलपुर क्षेत्र के गांव का विकास अवरुद्ध होने और हजारों परिवारों का जन जीवन भी खासा प्रभावित होने की संभावना है । आपकी जानकारी में मैं लाना चाहूंगा वन विभाग ने भरतपुर जिले के बंध बरेठा वन जीव अभ्यारण की सीमाओं में प्रवेश करती हुई इसमें भरतपुर जिले की बंसीपुर पहाड़पुर वन खंड को मुक्त कर के करौली जिले की मासलपुर तहसील के पहाड़ ताली मेवला बाद सर्वाधिक जमूरा टीम कोली को वन खंड के रुप में सम्मिलित कर दिया है। इसका क्षेत्रीय लोगों में भी मुखरता से विरोध हो रहा है और और महापंचायतों का आयोजन कर आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जा रही है ।करौली जिले के सपोटरा एवं मंडल उपखंड का काफी बड़ा भाग रणथंबोर अभ्यारण में सम्मिलित होने से क्षेत्र के कई गांव में आजादी के 70 से अधिक वर्ष पूर्ण होने पर होने के उपरांत भी मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, पानी आदि से वंचित हैं इससे संबंधित विषयों को समाचार पत्रों द्वारा समय समय पर उठाया जाता है। रणथंबोर अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन का निर्धारण नहीं होने के कारण कलोल करौली जिले में रोजगार का मुख्य खनन व्यवसाय ठप पड़ा है ।

समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में संबंधित सभी पीड़ित परिवारों एवं क्षेत्र के निवासियों की मीटिंग सभा आयोजित का गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित कर शांति पूर्वक विचार विमर्श कर एक सुलह का रास्ता निकाला जाए और पीड़ित परिवारों को उचित स्थान पर निर्वासित करने की योजना बना कर इस संबंध में आदेश जारी करें ।

मासलपुर जिले के गांव को भरतपुर जिले के बंध बरेठा क्षेत्र में सम्मिलित करने से करौली जिले का एक काफी बड़ा क्षेत्र में चला जाएगा जहां सैकड़ों वर्षो से जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ इस क्षेत्र के संरक्षित कर रहे निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा । इस क्षेत्र में निवासियों में राज्य सरकार के प्रति अत्यधिक आक्रोश है इसलिए मासलपुर तहसील को लेकर वन विभाग राजस्थान सरकार को इस अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर बांध बरेठा बारां में सम्मिलित गांव को मुक्त किया जाना चाहिए ताकि मासलपुर क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सके ।

उपरोक्त बाबत करौली धौलपुर क्षेत्र के सांसद डॉ मनोज राजोरिया ने भी आपको इस संबंध में पत्र लिखकर बांध बरेठा आवरण में शामिल माचलपुर क्षेत्र के गांव को मुक्त करने की मांग की है।

अतः इस संबंध में जांच पड़ताल करवाकर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर अनुग्रहित करें । अति शीघ्र कार्रवाई की आशा में।

Author