बीकानेर,श्री पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज बीकानेर तथा श्री नामदेव छीम्पा दर्जी समाज की ओर से मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक जी गहलोत को पत्र मेल करके तथा राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी. डी.कल्लाजी से दोनों समाजो का शिष्टमंडल शनिवार देर रात व्यक्तिगत रूप से मिला तथा उनसे “संत श्री पीपा जी”एवं “संत श्री नामदेव जी”के संयुक्त नाम से “सिलाई कला बोर्ड”के गठन करने की मांग की।
शिष्टमंडल में श्री पीपा क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा, श्री नामदेव छीम्पा समाज बीकानेर के अध्यक्ष श्री मदन लाल पवार,श्री हनुमान दैया,श्री कन्हैयालाल टाक, श्री पुखराज तंवर,श्री श्याम लाल चौहान,श्री गिरधर सोलंकी एस. रमण, श्री जे.पी. टाक,श्री भंवरलाल दैया,श्री मुरलीधर दैया, श्री सूर्य प्रकाश सोलंकी, श्री सुरेश सोलंकी प्रो. विशाल सोलंकी तथा नामदेव समाज बीकानेर के अध्यक्ष श्री मदन लाल पवार आदि शामिल थे।
श्रीपीपा क्षत्रिय के समाज के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा तथा नामदेव छीपा समाज के अध्यक्ष श्री मदन लाल पंवार ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी द्वारा 8 नए बोर्डों राजस्थान राज्य वाल्मीकि कल्याणबोर्ड,मेघवाल कल्याण बोर्ड, पुजारी कल्याण बोर्ड, केवट कल्याण बोर्ड, जाटव कल्याण बोर्ड,धाणका कल्याण बोर्ड, चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है एवं तीन दिन पूर्व अग्रसेन कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था।
विभिन्न समाजों के बोर्डों के गठन से सिलाई का कार्य करने वाले श्री पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज तथा श्री नामदेव छीम्पा दर्जी समाज के लोगों में एक आशा की किरण जगी थी ।लेकिन आज आठ नए बोर्डों के गठन में “सिलाई कला बोर्ड “का गठन नहीं होने से दोनों समाजों में जबरदस्त निराशा एवं आक्रोश है। दोनों समाजों के अध्यक्षों ने उपरोक्त समाजों के विकास के लिए गठित बोर्ड की तर्ज पर राजस्थान में “संत श्री पीपाजी”एवं “संत श्री नामदेव जी”के संयुक्त नाम से “सिलाई कला बोर्ड” के गठन करने की मांग की ताकि सैकड़ो सालों से सिलाई का कार्य करने वाले श्री पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज तथा नामदेव छीम्पा दर्जी समाज के लोगों का उत्थान करने, समाज के लोगों का जीवन स्तर सुधारने, पिछड़ापन दूर करने, तथा सिलाई कला का संरक्षण करने एवं छपाई -रंगाई के कार्य को संरक्षण करने का काम किया जा सके।
डॉ बी.डी. कल्ला ने दोनों समाज के लोगों को इस हेतु सहयोग का आश्वासन दिया तथा मुख्यमंत्री महोदय से “सिलाई कला बोर्ड “के गठन हेतु पर्य करने की बात कही ।