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बीकानेर,उपर्युक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि काष्ठ कला से जुड़े समाज के बड़े तबके के जो कुशल कारीगर है उन्हें व इससे जुड़े उद्योग की प्रगति हेतु राजस्थान काष्ठ कला बोर्ड का गठन किया जाना आवश्यक है। अन्य पिछड़ा वर्ग की यह जाति जिसमें सुथार, जांगिड, खाती, बढई आदि से पहचान रखती है। इन विश्वकर्मा वंशज से जुड़े लोगों की पृष्ठभूमि बहुत दयनीय रही है। इनमें हाथ से जुड़े लकड़ी के कार्य को करने वाले समुदाय की आर्थिक स्थिति आज भी कमजोर है, इसी वजह से काष्ठ कला से जुडे कार्य कोरनी, खुदाई, नक्काशी, खिलौने आदि कामगारों को उनके हुनर को जीवित रखने के लिये इस बोर्ड का गठन कर उसमें इस वर्ग को आर्थिक प्रोत्साहन एवम् उसकी कला को बनाये रखने के लिये संजीवनी दिया जाना बहुत जरूरी हो गया है।

अतः आप श्रीमान् छत्तीस कौम की जानकारी रखते है इस क्रम में आप द्वारा अच्छे प्रयास भी किये जा रहे है। आपने कई बोडों का गठन कर उन्हें गति प्रदान की है। “वुडन आर्ट” हस्तकला एवम् उद्योग से जुड़ा कार्य है जो कि राजस्थान के चित्तौगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चुरू, बीकानेर तथा उदयपुर में लकड़ी के कोरनी, खुदाई व नक्काशी कार्य करने वाले कारीगरों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जो मरणासन्न अवस्था में हैं, उन्हें काष्ठ कला बोर्ड के गठन कर ऐसे कारीगरों, हस्तकरघा लोगों को लकड़ी के कार्यों की कुशलता व गुणवत्ता बनी रहने के लिये सहयोग कर पुर्नजीवित किया जाना जरूरी है। एवम् सरकार द्वारा तकनीकी रूप से प्रशिक्षण से एवम् आर्थिक सहायता उपलब्ध करने से इन उद्योगों को और कुशल कारीगरों को प्रोत्साहन मिल सकेगा आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप इस विषय पर गंभीरता पूर्वक निर्णय लेंगे।

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