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बीकानेर राजस्थान गंगानगर शुगर मिल कर्मचारी संघ ने नई आबकारी नीति का विरोध करते हुए जिला कलक्टर बीकानेर को ज्ञापन सौंपा। मदिरालय प्रभारी कैलाश सिंह राठौड़ ने कहा कि श्री गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड की स्थापना 1956 में हुई थी। तत्कालीन समय शुगर फैक्ट्री गंगानगर में घाटे में चल रही थी। इस घाटे की पूर्ति करने एवं किसानों के गन्ने की कीमत को ध्यान में रखते हुए मदिरा उत्पादन का काम भी किया जा रहा है। संस्थान के पूरे राजस्थान में 17 मदिरालय एवं 88 बिक्री डिपो हैं। राज्य सरकार की नीति के अनुसार शुगर फैक्ट्री को लगभग 40 करोड की हानि होती है, जो आरएसजीएसएम शराब की बिक्री से पूरा करती है। आरएसबीसीएल जिला मुख्यालय पर अंग्रेजी शराब की बिक्री करता है। आरएसजीएसएम का कहना है कि राजस्थान गंगानगर शुगर मिल इतनी सक्षम है कि वह देशी व अंग्रेजी दोनों की बिक्री कर सकती है। इससे सरकार को फायदा होगा। वहीं 13 फरवरी को प्रदेश कार्यालय झोटवाडा में पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार आबकारी नीति में आंशिक संशोधन करके संस्था को होलसेल बिकी का कार्य आरएसबीसीएल को न देकर राजस्थान स्टेट श्रीगंगानगर शुगर मिल को दे, अन्यथा धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों मे मदिरालय बीकानेर प्रभारी कैलाश सिंह राठौड़, दाउदाल व्यास, विष्णु प्रकाश पड़िहार, मनोज कुमार सिडाना कार्मिक मौजूद रहे।

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