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बीकानेर, शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल जिसमें प्रदेश संरक्षक राजेश व्यास एवं प्रदेश परामर्शक विष्णु दत्त पुरोहित द्वारा शिक्षा निदेशक के मुख्यालय पर नहीं होने के कारण अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को राज्यपाल, मुख्यमंत्री , शिक्षा सचिव , कार्मिक सचिव एवं शिक्षा निदेशक को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
आचार्य ने बताया कि ज्ञापन में लिखा गया है कि आरपीएससी से चयनित 86 के कार्मिकों को राज्य सरकार द्वारा 02.02.1990 से समस्त वित्तीय परिलाभ दिया गया एवं न्यायालय के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग में डीपीसी अनुभाग में बैठे कार्मिक द्वारा अपने निजी स्वार्थों के कारण 86 के कार्मिकों को सीनियर होते हुए भी छोड़कर जुनियर की डीपीसी की गई एवं 86 के कार्मिकों की ना तो सीनियरटी जारी की गई ना ही पदौन्नति की गई एवं इस सम्बन्ध में राज्य सरकार व न्यायालय द्वारा किसी प्रकार के छायापद जारी करने का उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन पूर्व में डीपीसी अनुभाग में बैठे कार्मिकों एवं अधिकारियों द्वारा 86 के कार्मिकों की इतने वर्षों बाद छायापद मानकर राज्य सरकार को व कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है और इस मामले को उलझाया जा रहा है।
ज्ञापन में यह भी अवगत कराया गया है कि सत्र 2015 में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बीकानेर में सहायक कर्मचारी से कनिष्ठ लिपिक की पदौन्नति की जानी थी उसमें भी विभाग द्वारा सीनियर को छोड़कर जुनियर की पदौन्नति की गई थी जिसमें संगठन द्वारा लम्बे समय तक धरना प्रदर्शन करने पर कनिष्ठों को पदावनत करते हुए सीनियर को पदौन्नतियां दी गई थी। ठीक उसी प्रकार शिक्षा निदेशालय में डीपीसी अनुभाग मंे बैठे कार्मिकों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए सीनियर को छोड़कर जुनियर की पदौन्नति की गई थी। उन सब को पदावनत करते हुए सीनियर की पदौन्नति की जाये।
आचार्य ने बताया कि ज्ञापन में पुरजोर मांग की गई है कि अतः शिक्षा विभाग में समस्त सहायक कर्मचारी से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदों की सीनियरटी की निष्पक्ष जांच करवाई जाए एवं सीनियर को छोड़कर जुनियर की जो पदौन्नतियां की गई है उसकी राज्य सरकार स्तर पर जांच कराते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये एवं छायापदों के अभाव में 86 के कार्मिकों की पदौन्नति को नहीं रोका जाये एवं सीनियरटी व वरिष्ठता का लाभ देते हुए तत्काल प्रभाव से इनकी पदौन्नति की जाये। अन्यथा संगठन द्वारा आन्दोलन व प्रदर्शन किया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेवारी शिक्षा विभाग व प्रशासन की होगी।