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बीकानेर,खाजूवाला/छतरगढ,पीहर से ससुराल जा रही मां ने चुन्नी से डेढ़ साल के अपने बेटे पेट से बांध लिया और फिर नहर में छलांग लगा दी। छह दिन बाद सोमवार सुबह दोनों की लाश मिली तब भी बेटा अपनी मां से चिपका हुआ था। इस दर्दनाक हादसे के बाद बीकानेर के छत्तरगढ़ में हर कोई हैरान है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि मां ने खुद के साथ बेटे को भी दर्दनाक मौत दे दी। दोनों का शव SDRF के जवानों ने बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।

दरअसल, पिछले दिनों अनीता अपने डेढ़ साल के बेटे के साथ छत्तरगढ़ के पांच जीएम राणेर से रवाना हुई थी। उसे रावला के बारह केएनडी अपने ससुराल पहुंचना था। शाम तक वो नहीं पहुंची तो ससुराल व पीहर वालों ने ढूंढना शुरू किया। इस दौरान उसका मोबाइल व बैग इंदिरा गांधी नहर के पास मिला। पुलिस और एसडीआरएफ के जवान तब से नहर में तलाश कर रहे हैं। छलांग लगाने के कारण मां-बेटे दोनों काफी नीचे चले गए, जिससे संभवत: गाद में फंस गए। मौत होने पर दोनों तैरते हुए काफी दूर निकल गए। छह दिन बाद उनका शव फूल गया और गाद से निकलकर ऊपर आ गया। नहर में तैरता हुआ शव देखकर किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। वहां एसडीआरएफ के जवान पहले से तैनात थे, जिन्होंने दोनों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।

चुन्नी से बंधा रहा बेटा

अनीता ने अपने बेटे को चुन्नी से बांध लिया था। इसके बाद ही नहर में छलांग लगाई। मौत के बाद भी बेटा मां से अलग नहीं हुआ। आमतौर पर पानी में कपड़ गल जाता है, फट जाता है लेकिन अनीता ने गांठ इतनी मजबूत लगाई थी कि छह दिन बाद भी दोनों एक-दूसरे से बंधे रहे। दोनों को इसी स्थिति में छत्तरगढ़ अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया गया है।

क्यों उठाया ऐसा कदम

अनीता ने सुसाइड का ऐसा कदम क्यों उठाया है? इसकी छानबीन हो रही है। ये घर में चल रहे तनाव के कारण हुआ या फिर कोई कारण है। इस बारे में पुलिस छानबीन कर रही है। पीहर व ससुराल के सदस्यों से इस बारे में पुलिस पूछताछ कर सकती है।

मोबाइल फॉर्मेट कर दिया

अनीता ने अपना मोबाइल वहां रखने से पहले फॉर्मेट कर दिया था। ऐसे में उसके मोबाइल से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। आम मोबाइल यूजर्स को फॉर्मेट करना नहीं आता, लेकिन अनीता ने अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था। ऐसे में पुलिस के पास ढूंढने के लिए सिर्फ कॉल डिटेल का सहारा रह गया है।

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