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बीकानेर, श्री गौ-धाम पथमेड़ा के संस्थापक एवं प्रधान संरक्षक गो ऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानंद जी महाराज ने मंगलवार को विश्वविद्यालय का भ्रमण कर आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं, अनुसंधान कार्यों एवं गौ-संवर्धन कार्यों का अवलोकन किया।कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने राज्य में गौ-संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। देशी गोवंश के साथ-साथ अन्य प्राणियों की आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की सहायता से विभिन्न शल्य चिकित्सा, नेत्र चिकित्सा, पशु दन्त चिकित्सा आदि कार्यों को देखकर काफी प्रभावित हुए तथा विश्वविद्यालय की सराहना की साथ ही उन्होंने विशेष रूप से एक्स-रे मशीन, स्लिंग उपकरण, ऑपथेलमोलॉजी चिकित्सा सुविधाओं को पथमेड़ा में स्थापित करने की इच्छा जताई जिसके लिए कुलपति प्रो. गर्ग ने विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। पशु अनुसंधान केंद्र (राठी गोवंश) का अवलोकन कर कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा राजस्थान की देशी गोवंश के उन्नयन एवं संरक्षण हेतु बहुत ही सराहनीय कार्य किये जा रहे है। इससे राज्य के आम नागरिक एवं पशुपालन भाई लाभान्वित हो रहे है। गोवंश से प्राप्त पंचगव्य जैसे दूध, दही, घी, गोबर एवं गोमूत्र मनुष्यों एवं अन्य प्राणियों के लिए स्वास्थ्य एवं बुद्धि वर्धक है, इनके उपयोग से मनुष्य असाध्य रोगों से सुरक्षित रहता है। डॉ. प्रवीण बिश्नोई प्रभारी क्लीनिकल कॉम्पलेक्स ने अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी प्रदान की । पशुधन अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रभारी अधिकारी डॉ. विजय कुमार ने राठी गौवंश के संरक्षण व उन्नयन व देशी गौ उत्पादों के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक, प्रो. आर.के. धूड़िया, डायेक्टर क्लिनिक, प्रो. जे.एस. मेहता, निदेशक पी.एम.ई., प्रो. अंजू चाहर, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर अध्ययन, प्रो. ए.पी. सिंह तथा श्री गो-धाम पथमेड़ा के रविंद्रानंद सरस्वती जी महाराज, दीनदयाल जी महाराज, गणेश जी महाराज, कृष्ण जी महाराज, राजस्थान गो सेवा समिति के प्रधान सचिव रघुनाथ सिंह राजपुरोहित, श्री गुमान सिंह राजपुरोहित सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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