बीकानेर,शहर काजी अलहाज मुश्ताक अहमद के चेहल्लुम पर मंगलवार को बड़ी ईदगाह में “जलसा ए चेहल्लुम” का आयोजन किया गया । ऐतिहासिक जलसे में विभिन्न धर्मगुरुओ के सान्निध्य में दिवंगत शहरकाजी के पुत्र हाफिज कारी शाहनवाज हुसैन की दस्तरबंदी की गई । जलसे में देश प्रदेश के प्रमुख उलेमाओ ने सामूहिक दुआ की ।
ईदगाह कमेटी के सदर हाफिज फरमान अली ने कहा कि शहरकाजी अलहाज मुश्ताक अहमद बीकानेर में मानवता और भाईचारे की मिसाल थे । उन्होंने कहा कि मुश्ताक साहब नगर में धर्म गुरुओं का सम्मान करते थे । उन्होंने कहा कि मरहूम शहर काजी साहब की दीनी और दुनियावी खिदमात से प्रेरणा ग्रहण करने की आवश्यकता है । जलसे में मुख्य वक्ता मौलाना फैयाज अहमद अशफाकी (जोधपुर) ने कहा कि मानवता और भाईचारे का प्रसार अलहाज मुश्ताक साहब को सच्ची खिराजे अकीदत होगी । कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि मरहूम शहरकाजी मुश्ताक साहब सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक थे । जोशी ने कहा कि नए शहरकाजी अपने पिता की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएंगे । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुन्नी हनफी मस्जिद मुंबई के इमाम मौलाना मकबूल अहमद ने कहा कि दीन और दुनिया में कामयाबी के लिए बुजुरगाने दीन की शिक्षाओं पर अमल करना चाहिए । जलसे में शेरानी आबाद नागोर के मौलाना हनीफ, चुरू के शहरकाजी अहमद अली विशिष्ठ अतिथि थे।
दस्तारबंदी कार्यक्रम में पूर्व महापौर एवं पूर्व नगर विकास न्यास अध्यक्ष हाजी मकसूद अहमद, जलालसर सरपंच पीर सय्यद सिकंदरशाह, हाजी मोहम्मद सलीम सोढा,,पूर्व पार्षद गुमान सिंह राजपुरोहित, किसान नेता रामगोपाल बिश्नोई सहित गणमान्य शामिल थे । कार्यक्रम में मौलाना नौशाद अहमद कादरी, हाफिज नईमुद्दीन ने बात शरीफ पढ़ी ।
पीर सय्यद अमीन शाह, पीर सय्यद रफीक शाह, पीर सय्यद मकबुलशाह की सरपरस्ती में आयोजित कार्यक्रम में जामा मस्जिद के इमाम कारी मोहम्मद असगर फरीदी, चुनगरान मस्जिद के इमाम पीर मोहम्मद साबिर चिश्ती, मुफ्ती जुन्नुरेंन, मौलाना नसीरुद्दीन, मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफी, हाफिज मुनीर अहमद, मौलाना इकरामुद्दीन, मौलाना इस्लामुद्दीन, मुफ्ती जमील अहमद, हाफिज मोहम्मद हुसैन सहित नगर की विभिन्न मस्जिदों के इमाम, ओलमा विशेष आमंत्रित थे । कार्यक्रम का संचालन मौलाना जावेद अशरफी ने किया ।