बीकानेर, रबी फसल की बुवाई का समय चल रहा है और किसानों को डीएपी उर्वरक का अभाव साल रहा है। वर्तमान में प्रदेश में डीएपी की कमी चल रही है। अब बहुत जल्द ही बीकानेर में डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने तैयारी कर ली है। एक-दो दिन के अंदर डीएपी का रैक आने वाला है इसके बाद इसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। फसल के लिए उत्तम माने जाने वाला डीएपी केन्द्र सरकार विदेशों से आयात
जैन माने
करती है। फिलहाल इसके विदेशों में भी दाम बढ़े हुए हैं। सरकार इसे कम मात्रा में मंगवा रही है। इससे इसकी किल्लत हो गई है। सरकार डीएपी के स्थान पर उसके विकल्प के तौर पर एसएसपी का इस्तेमाल करने की किसानों को सलाह दे रही है।
जाते हुए मानसून के दौरान
जिले में बारिश की स्थिति भी ठीक होने से रबी की बुवाई के लिए अनुकूलता बन गई थी। अभी जिले में अभी मुख्य रूप से सरसों व चने की बुवाई शुरू हो चुकी है।
इसी के साथ किसानों की डीएपी की मांग भी बढ़ गई लेकिन यह बहुत सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हो पा रही है। इस संबंध में कृषि विभाग के सहायक निदेशक आर. के. मेहरा ने बताया कि दो दिन में इफको की ओर से डीएपी का एक रैक बीकानेर आ जाएगा।
एफआइआर दर्ज
उधर कृषि विभाग ने दो दिन पूर्व करणी औद्योगिक क्षेत्र से जो नकली डीएपी के कट्टे जब्त किए थे। उस संबंध में बीछवाल थने में मामला दर्ज कराया है। सहायक निदेशक कृषि आरके मेहरा की ओर से दर्ज मामले में सूरतगढ़ निवासी आसिफ इकबाल पर आरोप लगाया गया है कि वह करणी नगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मैसर्स जीएस इंडस्ट्रीज प्लाट नं.385-386 में अवैध रूप से डीएपी उर्वरक की तरह दानेदार पदार्थ का संग्रह कर उसका क्रय विक्रय कर रहा था। उस गोदाम में छापा मारकर 810 कट्टे गए। उनमें कोई ब्रांड या संरचन नहीं लिखी हुई थी।
बैग में किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि हालांकि डीएपी आ रही है लेकिन यह महंगी इसमें करीब तीन हजार मीट्रिक है। किसानों को एसएसपी इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा
टन डीएपी होगी। यह साठ हजार
रहा है। एसएसपी डीएपी की करीब आधी कीमत में उपलब्ध हो जाती है। यह लगभग वही प्रभाव छोड़ती है जो डीएपी में होता है। किसानों के लिए सस्ती भी पड़ती है।