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बीकानेर पुष्करणा ब्राह्मणों के सामूहिक सावे (ओलंपिक) की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है, घर घर में मंगल गीत गूंजने लगे हैं। एक ओर जहां महिलाओं द्वारा पारंपरिक गीत गाए जा रहे हैं, वहीं इस बार फिल्मी गीतों की घुन पर भी गीत तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें बेहद पसंद किया जा रहा है। विवाह और बटुकों के यज्ञोपवित से पहले गीतों का दौर परवान पर है। पुष्करणा परिवारों में ‘बाट बड़ी’ के साथ महिलाओं गीतों की परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। जिन घरों में 18 फरवरी को विवाह समारोह होने हैं, वहां रंग रोगन सहित अन्य तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर सावे के कार्यक्रम के तहत बटुकों की यज्ञोपवीत संस्कार के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। साथ ही साथ चट मंगनी पट ब्याह की कहावत भी सिद्ध हो रही है। अभी भी लगातार लोगों के घरों में युवक-युवतियों की सगाई होने के साथ ही पुष्करणा सावे में निर्धारित हो रहे हैं। सावे में भागीदारी निभाने के लिए प्रवासियों का आना भी लगातार जारी है। बड़ी संख्या में लोग कोलकाता, चेन्नई, मुंबई सहित अन्य महानगरों से बीकानेर पहुंच गए हैं। वहीं शहर के मोहता चौक, आचार्य चौक, रत्तानी व्यासों के चौक, नत्थूसर गेट सहित अन्य मोहल्लों में अब धीरे-धीरे पुष्करणा सावे की रौनक दिखने लगी है।

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