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बीकानेर,जयपुर। कोरोना महामारी के प्रकोप की मार झेल रहे प्रदेश के अभिभावकों पर निजी स्कूलों की तानाशाही बरकरार है, संयुक्त अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों पर बच्चों की पढ़ाई रोकने और 10 वीं व 12 वीं सीबीएसई व आरबीएसई के बोर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म नही भरने का आरोप लगाया है। इसके चलते अनगिनत बच्चों की पढ़ाई व भविष्य खराब होने की कगार पर आ चुके है।

संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद निजी स्कूल संचालक ना कोर्ट के आदेश को लागू कर रहे है ना फीस एक्ट 2016 को लागू कर रहे है अब आलम यह है कि फीस के चलते बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू हो गए है। संगठन के हेल्पलाइन 9772377755 नम्बर पर लगातार अभिभावकों की शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिसमे अभिभावक बता रहे है कि फीस बकाया होने के चलते बच्चों की पढ़ाई रोक दी गई और जिन बच्चों को 10 वीं और 12 वीं का बोर्ड रजिस्ट्रेशन करना है उनके अभिभावकों को फीस जमा करवाने का दबाव बना जा रहा है फीस जमा ना होने पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म नही भरने की धमकियां दी जा रही है। जबकि 3 मई 2021 को आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि किसी भी स्कूल संचालक को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने की अनुमति नही दी जाएगी, स्कूल संचालक ना पढ़ाई रोक सकते है ना रिजल्ट, ना एक्जाम ना रजिस्ट्रेशन रोक सकते है, उसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मंगलवार को इस संदर्भ में संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारी पीड़ित अभिभावकों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर शिकायत दर्ज करवाएंगे।

*शिक्षा विभाग बोर्ड रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करें, अन्यथा होगा आंदोलन*

प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा जिन बच्चों के सीबीएसई और आरबीएसई बोर्ड रजिस्ट्रेशन रोके जा रहे है उन बच्चों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने की व्यवस्था शिक्षा विभाग करें, जिससे बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाया जा सके, अगर व्यवस्था नही की गई तो संयुक्त अभिभावक संघ दुबारा सड़कों पर उतरेगा और आंदोलन करेगा।

*अभिभावकों की प्रतिक्रिया नीचे है साथ मे उनके कॉन्टेक्ट नम्बर है*

*प्रतिक्रिया नम्बर 1*

मेरा बेटा रेयान इंटरनेशनल स्कूल, जगतपुरा में कक्षा 9 वीं पढ़ता है, स्कूल द्वारा फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है, पिछले सत्र की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ चुका है, उसके बावजूद स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फीस नही बताकर मनमाने तरीके से फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे है इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपल से दो पहले अच्छे वातावरण में वार्ता भी हो चुकी थी किन्तु उनका जवाब अभी तक नही आया, अब स्कूल प्रशासन धमकी दे रहा है कि अगर फीस जमा नही करवाई तो बच्चे का रजिस्ट्रेशन जमा नही करवाया जाएगा।

विवेक कुमार, जगतपुरा

*प्रतिक्रिया नम्बर 2*
मेरे दो बच्चे है एक कक्षा 9 वीं में और दूसरा कक्षा 7 वीं में एमएचएस स्कूल तिलक नगर में पढ़ते है, फीस जमा नही होने के कारण स्कूल ने पिछले 3 महीनों से दोनो की क्लास बन्द हुई है। हर तीन-चार दिन में स्कूल से मनमानी फीस जमा करवाने का दबाव डाल रहे है नही जमा करवाने पर नाम काटने की धमकी दे रहे है 9 वीं पढ़ रहे बच्चे का रजिस्ट्रेशन भी होना है स्कूल संचालक ने साफ मना कर दिया कि बिना फीस रजिस्ट्रेशन फॉर्म नही भरेंगे। कोविड़ के चलते पिछले डेढ़ साल से मेरे पास काम-धंधा नही है, उसके बावजूद स्कूल संचालक को बोल दिया कि व्यवस्था के अनुसार समय-समय फीस जमा करवा देंगे, किन्तु वह बोल रहे पूरी फीस एकसाथ जमा करवानी है, ना सुप्रीम कोर्ट के अनुसार फीस बता रहे है, ना फीस एक्ट की जानकारी दे रहे है, कुछ पूछो तो कोई जवाब नही केवल एक मैसेज एक ही फोन फीस जमा करवाओ, अब 3 महीनों से बच्चो ने एक दिन भी पढ़ाई नही की उसकी भी फीस मांग रहे है। इस संदर्भ में संयुक्त अभिभावक संघ के साथ मिलकर राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल को पत्र लिखा जिसके बाद आज बाल आयोग के सदस्य डॉ वीरेंद्र सिंह से मुलाकात तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए, उन्होंने बोला कि फीस का मेटर है हम केवल स्कूल को निवेदन कर सकते है, अगर आप चाहो तो टीसी दिलवा देंगे।

आलोक भारती बड़ाया, जयपुर

*प्रतिक्रिया नम्बर 3*

मेरी बेटी रामबाग सर्किल स्थित सुबोध पब्लिक स्कूल में पढ़ती है वह कक्षा तीसरी की छात्र है। 17 सितम्बर से अर्दवार्षिक परीक्षा रखी है, कोविड़ के चलते जहां पर में नोकरी करता हु वहां से सैलरी आधी मिल रही है, इस कारण फाइनेंशियल प्रॉब्लम अधिक हो गई है इसी कारण फीस जमा नही करवा पा रहा हु और ना ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार फीस बताई जा रही है। अब स्कूल वाले धमकियां दे रहे है कि अगर फीस जमा नही करवाई तो बच्ची का प्रमोशन रोक दिया जाएगा और 17 सितम्बर से प्रस्ताविक परीक्षा में भी बैठने नही दिया जाएगा।

 

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