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बीकानेर. डेंगू ने समूचे स्वास्थ्य महकमे की हालत पतली कर रखी है। सरकारी हो या निजी, डिस्पेंसरी हो या सीएचसी सभी में मरीजों की भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही। मेडिसिन ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा सैकड़ों तक पहुंच गया है। पीबीएम में अकेले मेडिसिन ओपीडी १८०० से अधिक, जिला अस्पताल में एक हजार से अधिक, सीएचसी में पांच सौ से अधिक एवं सिटी डिस्पेंसरियों में भी पांच सौ से छह सौ मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। शनिवार को 22 नए मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इन नए मरीजों के साथ ही जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा ६४४ पहुंच गया है।

जवाब देने लगे इंतजाम

पिछले दो साल से चिकित्सक-नर्सिंगकर्मी सहित पैरामेडिकल स्टाफ की हालत खराब है। पहले कोरोना और अब डेंगू जान ले रहा है। कोरोना में लगातार 16 से 18 घंटे तक ड्यूटी करने के बाद अब डेंगू भी यही हालात हो गए हैं। चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ को शारीरिक आराम नहीं हैं। वार्डों, आइसीयू में मरीजों का भार बढ़ रहा है। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि दूर-दराज के गांवों से आने वाले मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं।

निजी अस्पताल कर रहे हाथ खड़े
जिले में एक तो डेंगू और दूसरे निजी अस्पतालों की मनमर्जी से लोगों की जान पर बन रही है। निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं, जिनसे मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती कर इलाज करते हैं लेकिन मरीजों की प्लेटलेट्स जैसे-जेसे गिरती है, उनकी हालत खराब होने लगी है। जब मरीज की प्लेटलेट्स आठ से १० हजार तक पहुंच जाती है वे उन्हें पीबीएम अस्पताल रेफर कर इतिश्री कर लेते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मरीजों की प्लेटलेट्स घटने पर उन्हें पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।

डेंगू से तीन, प्लेट्लेटम कम होने के बाद १७ की मौत
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इस साल डेंगू से अब तक केवल तीन मरीजों की मौत हुई है जबकि हकीकत इसके अलग है। जिलेभर में एनएस-1 पॉजिटिव और प्लेटलेट्स कम होने से मरने वालों का आंकड़ा १७ हैं, जिसमें बीकानेर शहरी क्षेत्र, नोखा, लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, कोलायत आदि जगह के मरीज शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक ६४४ डेंगू के मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं।
इनका कहना है
दीपावली के बाद मच्छरों का प्रकोप कम हो जाता है। अब धीरे-धीरे मरीज कम होंगे। चिंता इस बात की है कि लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते। दूर-दराज से आने वाले मरीज गंभीर स्थिति और एकदम कम प्लेटलेट्स होने पर अस्पताल आ रहे हैं। डेंगू व प्लेटलेट्स कम होने के मरीजों के कारण आरडीपी व एसडीपी की डिमांड चार गुना बढ़ गई है। डॉ. परमेन्द्र सिरोही, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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