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बीकानेर में क्रिकेट सट्टे पर लगते है करोडों के दावं
खानापूर्ति के लिए पुलिस करती कार्रवाई
बीकानेर। फटाफट क्रिकेट की एक बार फिर से धूम मचेगी। आईपीएल सीजन-१४ आगामी १९ सितंबर से शुरू होने जा रहा है। आईपीएल क्रिकेट के मद्देनजर सट्टेबाज सक्रिय हो गए हैं। पुलिस क्रिकेट सट्टे पर अंकुश में रुचि नहीं ले रही है जबकि सटोरिए सेटिंग बैठाने की जुगत में हैं। प्रदेशभर के सटोरियों के लिए बीकानेर सेफ जोन में हैं। आईपीएल हो या क्रिकेट वल्र्डकप स्थानीय पुलिस खानापूर्ति के तौर पर छोटे सटोरियों को पकडकर इतिश्री कर लेती है जबकि बडे सटोरिए पुलिस से बचे रहते हैं।

बीकानेर वैसे भी है बदनाम
क्रिकेट हो या चुनाव या हो बारिश जैसे में सट्टे करने को लेकर बीकानेर बदनाम है। बीकानेर के कई बड़े सटोरियों के तार अंतरराज्जीय स्तर पर जुड़े हुए हैं। तीन साल पहले पुलिस ने क्रिकेट सट्टे के मामले में देशद्रोह की धारा को जोड़ सटोरियों की हालत पतली कर दी थी। पुलिस क्रिकेट सट्टे और सटोरियों के बारे में सबकुछ जानते हुए अनजान बनी रहती है।

मोबाइल की जगह डोंगल का उपयोग
क्रिकेट सट्टा करने वाले सटोरिये पिछले सालों की तुलना में चार गुना एडवांस है। अब सटोरिए मोबाइल के स्थान पर डोंगल से अपना कारोबार चलाते हैं। डोंगल से सटोरियों को पकडऩा पुलिस के लिए मुश्किलभरा होता है। वैसे भी पुलिस सटोरियों के आग तकनीक के मामले में हर बार बौनी साबित होती रही है। सटोरिये हाईस्पीड इंटरनेट वाले स्मार्टफोन में कई मैसेेजिंग और वीडियो कॉलिंग एप है, जिनकी मदद से सट्टा करते हैं।

हर जगह बिछी है सट्टे की बिसात
जिले में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां पर क्रिकेट सट्टा नहीं होता है लेकिन गंगाशहर, नयाशहर, जेएनवीसी, कोटगेट, कोतवाली, जामसर, लूणकरनसर, नोखा, श्रीडूंगरगढ़, सदर एवं बीछवाल, छतरगढ़, खाजूवाला थाना क्षेत्र सट्टे के लिए मशहूर है। इन क्षेत्रों में क्रिकेट सटोरिए खुलेआम बैठते हैं। करोड़ों के दावं लगते हैं। कई आबाद होते हैं तो कई बर्बाद होत हैं।

सटोरियों पर कसेंगे नकेल
क्रिकेट हो या अन्य किसी तरह का सट्टा। सटोरियों पर नकेल कसेंगे। सट्टा-जुआ युवाओं को बर्बाद कर देता है। युवाओं को इनसे बचाने के लिए पुलिस पूरा प्रयास करेंगी। प्रीतिचन्द्रा, पुलिस अधीक्षक

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