बीकानेर,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद; राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रीय काजरी द्वारा गॉव भैरुपावा में दो दिवसीय किसान कार्यशाला तथा महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए दुग्ध उत्पादन के साथ बैंकों से जुडकर आजीविकापार्जन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक द्वारा पुरुषों को संयुक्त देयता समूह के रुप में तथा महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के रुप में अपना कारोबार प्रारंभ करने हेतु प्रेरित किया जिसके लिए पॅूजी अनुदान के लिए भारत सरकार की मुद्रा योजना तथा राजस्थान सरकार की कृषि प्रसंस्करण नीति तथा ब्याज अनुदान के लिए किसान/पशुपालन क्रेडिट कार्ड तथा कृषि अवसंरचना निधि के माध्यम से लाभ अर्जित करने के बारे में विस्तार से बताया एनडीआरआई कारनाल द्वारा कार्यशाला के माध्यम से 100 से अधिक सहभागी पुरुषों को दूग्ध प्रसंस्करण के बाद पनीर बनाने तथा शेष् बचे पानी को विक्रय बनाने के लिए डॉ गंगा सहाय मीणा ने विस्तार से व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया ।
काजरी, क्षेत्रीय अनुसंधान, बीकानेर से प्रधान वज्ञाानिक डॉ बीरबल मीन द्वारा फसलो की उन्नत नीति थिा बीज उत्पादन की विधियों के बारे में बताते हुए प्राकृति खेती की ओर किसानों के रुझान के बारे में बताया तथा महिला कृषकों को किचन गार्डन के बारे में जागृत किया तथा महिलाओं में हाने वाली समस्याओं के समाधान क लिए किचन गार्डन को सही मानते हुए शिविर के माध्यम से उन्नत बीज उपलब्ध करवाने का आश्वासन प्रदान किया. 200 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए पशुपालन के माध्यम से आजीविकोपार्जन तथा दूध से बने उत्पादों के मूल्य संवर्धन विषय पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल से पधार परियोजना प्रमुख अन्वेषक डॉ गोपाल सांखला द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बाजार में पहॅुच तथा उत्पादकता पर विस्तारपूर्वक बताते हुए पशुपालन की उन्नत किस्त को उघम बनाने में बारे में जागरुक किया. पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार से डॉ श्रीमती पूष्पा चौधरी तथा पशुपालन विभाग से श्रीमती रीतिका चायन ने पशुओं की मुख्य मुख्य बीमारियों से बचाव व रोकथाम के उपाय बताते हुए देशी/जर्सी गायो के पालन को बढावा देने पर अपने विचार रखें ।