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जयपुर गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। फेरबदल में गहलोत- पायलट खेमों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश भले की गई है, लेकिन अब भी मलाईदार विभाग गहलोत समर्थक मंत्रियों के पास ही हैं। पायलट कैंप को ग्रामीण विकास पंचायती राज, परिवहन और एग्रीकल्चर मार्केटिंग को छोड़ जनता से जुड़ा कोई और बड़े बजट वाला विभाग नहीं मिला है।

सचिन पायलट कैंप के पास बगावत से पहले

मंत्रिमंडल में जो विभाग थे, उनमें पीडब्ल्यूडी को छोड़कर गिनती के हिसाब से तो सभी वापस उनके समर्थक मंत्रियों को दे दिए गए हैं, पर गहलोत कैंप की तुलना में यह बहुत कम हैं। पायलट कैंप को पहले खोए हुए विभाग वापस देकर साधने की कोशिश हुई है। पायलट खेमे के मंत्रियों को ग्रामीण विकास और पंचायतीराज, वन और पर्यावरण, परिवहन, एग्रीकल्चर मार्केटिंग, संपदा विभाग दिए गए हैं।

बगावत के बाद सचिन पायलट डिप्टी सीएम पद से और रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह मंत्री पद से बर्खास्त हुए थे। पायलट

के पास तब पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग थे। रमेश मीणा के पास खाद्य विभाग और विश्वेंद्र सिंह के पास पर्यटन विभाग था। प्रतापसिंह खाचरियावास भी पहले पायलट कोटे से मंत्री बने थे, लेकिन बाद में गहलोत कैंप में चले गए। अब फेरबदल में परिवहन विभाग पायलट समर्थक बृजेंद्र सिंह ओला को दिया है। पायलट के पास रहा पंचायतीराज विभाग उनके समर्थक रमेश मीणा को दिया है। हेमाराम चौधरी को वन पर्यावरण और मुरारी मीणा को एग्रीकल्चर मार्केटिंग विभाग मिला है।

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